Posts

Showing posts from December, 2019

धोनी ने भविष्य की योजनाओं को लेकर कप्तान और सिलेक्टर्स से जरूर बात की होगी :गांगुली

Image
धोनी ने भविष्य की योजनाओं को लेकर कप्तान और सिलेक्टर्स से जरूर बात की होगी :गांगुली   बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने शनिवार को कहा कि महेंद्र सिंह धोनी ने भविष्य की योजनाओं के बारे में कप्तान कोहली और सिलेक्टर्स से जरूर बात की होगी। धोनी विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं। बार-बार उनके संन्यास की अटकलें लगाई जा रही हैं।  गांगुली ने एक निजी टीवी चैनल से कहा, ''धोनी ने कप्तान से बात की होगी और मुझे यकीन है सिलेक्टर्स से भी इस विषय पर बात हुई होगी। मुझे नहीं लगता कि इस बारे में बात करने के लिए यह कोई मंच है। उन्होंने धोनी की तारीफ करते हुए कहा, उनके जैसा खिलाड़ी मिलना बहुत मुश्किल है। वे क्या करना चाहते हैं ये उनका फैसला होगा। मैंने उनसे बात नहीं की है, लेकिन वह भारतीय क्रिकेट के चैंपियन हैं।'' गांगुली ने कहा- धोनी क्रिकेट खेलना चाहते हैं या नहीं, यह वे तय करेंगे  बीसीसीआई अध्यक्ष ने आगे कहा, ''आपको दूसरा धोनी इतनी जल्दी नहीं मिलेगा। वह क्रिकेट खेलना चाहते हैं या नहीं। यह तय करने का अधिकार उन्हें है।

पुलिस ने गला दबाकर मुझे धकेला : प्रियंका गांधी

Image
पुलिस ने गला दबाकर मुझे धकेला : प्रियंका गांधी लखन‌ऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने   कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को शनिवार शाम लखनऊ में रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जाने के दौरान जगह-जगह रोका। पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लिखने पर दारापुरी को गिरफ्तार किया है। प्रियंका का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया। जब वे पैदल चलने लगीं तो एक महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया और गला दबाया। हालांकि, बाद में प्रियंका ने दारापुरी की पत्नी से उनके घर पहुंचकर मुलाकात की। प्रियंका ने कहा- ''अचानक पुलिस मेरी गाड़ी के सामने आ गई और मुझे रोक दिया। जब मैंने इसका कारण पूछा तो कोई जवाब नहीं दिया गया। पुलिस यही कहती रही कि आप नहीं जा सकतीं। इसके बाद मैं पदल चलने लगी तो एक महिला पुलिसकर्मी ने धक्का दे दिया और मेरा गला दबाया। मैं गिर गई जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने मुझे उठाया। मुझे दो बार रोका गया।'' ''मैं एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने गई थी। वे 70 साल के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें पुलिस ने सिर्फ एक

HEALTH TIPS

HEALTH TIPS

सुपरमैन

Image
सुपरमैन एक काल्पनिक चरित्र, एक परम मानव है जिसकी कथायें कॉमिक्स के रूप में छापी जाती है। इसे एक अमेरिकी प्रतीक माना जाता है। सन 1932 में इसकी रचना जैरी सीगल और जोई शुस्टर ने की थी जब वो क्लीवलैंड, ओहायो में रहते थे और स्कूल में पढ़ते थे। उन्होंने इस चरित्र के अधिकार डिटेक्टिव कॉमिक्स को बेच दिये थे, और इस चरित्र का प्रथम प्रकाशन सन 1938 में एक्शन कॉमिक्स में हुआ था। इसके बाद यह चरित्र टेलिविजऩ और रेडियो आदि पर भी अवतरित हुआ। यह अब तक के रचे गये सबसे लोकप्रिय चरित्रों में से एक है। सुपरमैन का असली नाम क्लार्क केंट है। पहली बार लेखक जेरी सेगर और आर्टिस्ट जू शूते ने 1930 के दशक में उसे ऐक्शन कॉमिक्स में उतारा था। उसने जन्म लिया, बड़ा हुआ और समय के साथ ज्यादा ताकतवर होता गया। पेशे से जर्नलिस्ट यह पात्र कॉमिक्स से कार्टून, कार्टून से टेलीविजन और टेलीविजन से बड़े पर्दे तक पर सुपरहीरो के रूप में राज करने लगा। इस वर्ष जून में वह 75 साल का हो गया है, लेकिन बूढ़ा होने के बजाय पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर है। दोस्तो, ये सारी बातें शायद तुम जानते होगे। यह भी मालूम होगा कि वह पृथ्वी का नहीं, बल्कि &#

स्वस्थ रहने के लिए लें संकल्प

Image
स्वस्थ रहने के लिए लें संकल्प खुद को स्वस्थ रखने के लिए हम बहुत कुछ करना चाहते हैं, लेकिन कर नहीं पाते। इस साल हम अपनी सेहत के लिए 10 प्रण क्यों न लें, जिसका पालन पूरी ईमानदारी से करें। नया साल आते ही हम मन ही मन कुछ संकल्प लेने लगते हैं कि आने वाले साल में अपना वजन कम करेंगे, अपनी फिटनेस पर ध्यान देंगे, धूम्रपान या शराब छोड़ेंगे या अधिक पोषक भोजन का सेवन करेंगे आदि। एक अनुमान के अनुसार  विश्व की कुल जनसंख्या के 70 प्रतिशत लोग साल के शुरू होने पर कोई न कोई संकल्प लेते हैं। इनमें स्वास्थ्य संबंधी संकल्प ही सबसे अधिक होते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग अपने संकल्पों को पूरा कर पाते हैं। कोशिश करें कि इस साल आप जो भी संकल्प लें, उन्हें जरूर पूरा करें। जानलेवा मोटापे से बचें मोटापे का अर्थ है शरीर में आवश्यकता से अधिक चर्बी बढऩे से शरीर का बेडौल हो जाना। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोटापे को स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक 10 खतरों में शामिल किया है। आंकड़ों के अनुसार 10 प्रतिशत आबादी मोटापे की शिकार है। तनाव भगाएं कैरियर और परिवार की जिम्मेदारियां, काम का बोझ, वक्त की कमी, रिश्तों के बीच बढ़ती दूरियां,

मध्यप्रदेश सरकार के एक साल पूरे होने पर विशेष लेख - पी॰सी॰ शर्मा

यह खुशहाल मध्यप्रदेश है जहां प्रगति की अनगिनत संभावनाएं है। युवाओं की आँखों में उज्जवल भविष्य के असंख्य ख्वाब है,समाज में सुख और शांति है। रोजगार को लेकर नया विजन है,कौशल विकास के कई नए केंद्र है। किसानों के लिए बेहतरीन नीतियाँ है। धर्म,संस्कृति और कला का सम्मान है। गांवों में विकास है,शहरों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। बेटियाँ सुरक्षित है और कानून व्यवस्था चाक चौबन्द है। दरअसल कमलनाथ सरकार का यह नया मध्यप्रदेश है जो समाज और राज्य के सर्वांगीण विकास के नित नए आयाम स्थापित कर रहा है।     वास्तव में जब बुनियादी जरूरतों के अनुरूप सुनियोजित प्रयास मूर्तरूप लेते हैं तब एक विकसित प्रदेश का तानाबाना बुना जाता है। मध्यप्रदेश के विकास का जो तानाबाना कई वर्षों से बिखर गया था, अब वह फिर से मूर्तरूप लेने लगा है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने माफिया के आतंक को लेकर जो कार्रवाई की, इससे साफ हो गया कि अब मध्यप्रदेश में  लोगों के लिए लोगों की सरकार चलेगी न कि माफिया राज। विकास कार्यों की दिशा में जो काम होंगे जमीनी होंगे। निश्चित रूप से इसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।  समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप ज

मध्यप्रदेश का बदलता औद्योगिक परिदृश्य : आदिवासी अंचलों में बढ़े रोजगार के अवसर

इन दिनों मध्यप्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। उद्योगों को विस्तार मिल रहा है। बड़े उद्योगों के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के विकास के कारण प्रदेश का नक्शा बदल रहा है। सबसे अहम बात यह है कि आदिवासी अंचल के लोगों को रोजगार के नए अवसरों के साथ उद्योग स्थापित करने के अवसर भी मिल रहे हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम किस्म के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट अप इन्‍वेस्टर मीट में 40 स्टार्ट अप एवं 8 इनवेस्टर्स ने भागीदारी की। इसी क्रम में स्व-रोजगार संचालित करने वाले सभी 12 विभाग को एमपी ऑनलाईन पोर्टल पर ऑन बोर्ड किया गया। अब स्व-रोजगार योजना में ऋण के लिए आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। मध्यप्रदेश के उत्पादों को जीआई टैग दिलवाने की कोशिश के प्रथम चरण में पाँच उत्पाद को शामिल किया गया है। इसमें जोबट जिला अलीराजपुर की दरी, बुरहानपुर की मावा-जलेबी, मुरैना की गजक, इंदौर का पोहा एवं डिंडौरी, मंडला, शहडोल तथा अनूपपुर की कोदो-कुटकी के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई इकाइयों के लिए पुरस्कार योजना में संशोधन कर मध्यम

किसानों को ऋण-मुक्त कर समृद्ध बनाने के लिए हुए क्रांतिकारी फैसले

प्रदेश की कृषि प्रधान अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये जरूरी है कि किसान चिन्ता-मुक्त हो, उसके पास आमदनी के स्थाई इंतजाम हो और उसे समय पर आवश्यक वित्तीय सहयोग भी मिले। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने इस शाश्वत सत्य को सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया है बल्कि अपने प्रारंभिक अल्प-काल में ही इस दिशा में क्रांतिकारी फैसले लिये हैं और उन्हे जमीनी स्तर पर लागू भी किया है। सरकार ने अपने वचन-पत्र में किसान कल्याण और कृषि विकास के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार ने सत्ता संभालते ही किसानों को पीढ़ियों के कर्जो से मुक्ति दिलाई है। साथ ही यह क्रम तब तक जारी रखने का संकल्प भी लिया है, जब तक प्रत्येक पात्र किसान कर्ज-मुक्त नहीं हो जाता। किसान को फसल बोने से लेकर फसल बेचने तक के काम में राज्य सरकार मदद कर रही है। बिजली, पानी आदि भी किसानों को रियायती दरों पर दिया जा रहा है। जय किसान फसल ऋण माफी योजना प्रदेश में 'जय किसान फसल ऋण माफी योजना' लागू कर किसानों को ऋण-मुक्त करने का अभियान चलाया गया है। पहले चरण में 20 लाख 22 हजार 731 पात्र किसानों के 7154 करोड़ 36 लाख रूपये के ऋण माफ किये गय