सुपरमैन
सुपरमैन एक काल्पनिक चरित्र, एक परम मानव है जिसकी कथायें कॉमिक्स के रूप में छापी जाती है। इसे एक अमेरिकी प्रतीक माना जाता है। सन 1932 में इसकी रचना जैरी सीगल और जोई शुस्टर ने की थी जब वो क्लीवलैंड, ओहायो में रहते थे और स्कूल में पढ़ते थे। उन्होंने इस चरित्र के अधिकार डिटेक्टिव कॉमिक्स को बेच दिये थे, और इस चरित्र का प्रथम प्रकाशन सन 1938 में एक्शन कॉमिक्स में हुआ था। इसके बाद यह चरित्र टेलिविजऩ और रेडियो आदि पर भी अवतरित हुआ। यह अब तक के रचे गये सबसे लोकप्रिय चरित्रों में से एक है।
सुपरमैन का असली नाम क्लार्क केंट है। पहली बार लेखक जेरी सेगर और आर्टिस्ट जू शूते ने 1930 के दशक में उसे ऐक्शन कॉमिक्स में उतारा था। उसने जन्म लिया, बड़ा हुआ और समय के साथ ज्यादा ताकतवर होता गया। पेशे से जर्नलिस्ट यह पात्र कॉमिक्स से कार्टून, कार्टून से टेलीविजन और टेलीविजन से बड़े पर्दे तक पर सुपरहीरो के रूप में राज करने लगा। इस वर्ष जून में वह 75 साल का हो गया है, लेकिन बूढ़ा होने के बजाय पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर है। दोस्तो, ये सारी बातें शायद तुम जानते होगे। यह भी मालूम होगा कि वह पृथ्वी का नहीं, बल्कि 'क्रिप्टनÓ नाम के प्लैनेट से आया है। अब आओ जानें वे बातें, जिन्हें शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे..
'एसÓ फॉर केवल सुपरमैन नहीं होता
सुपरमैन के पिता का नाम है-जोर एल। उनके कॉस्ट्यूम पर भी 'एसÓ अक्षर छपा रहता है, पर इसका मतलब केवल सुपरमैन नहीं है। यह अक्षर सुपरमैन के ऑरिजिन प्लेस क्रिप्टोनियन प्लैनेट को भी इंगित करता है। इस बात का जिक्र साल 1978 में प्रदर्शित सुपरमैन फिल्म, कॉमिक बुक सुपरमैन: बर्थराइट और सुपरमैन की बुक सीरीज के 52वें अंक में हुआ है।
कब भरी पहली उड़ान
क्या सुपरमैन हमेशा से इतना ताकतवर है? क्या ऊंची-ऊंची इमारतों से छलांग लगाने में वह शुरुआती दिनों से ही माहिर है? नहीं। जब वह पहली बार ऐक्शन कॉमिक्स में आया था, उस वक्त वह बहुत कमजोर था। एक मील भी बिना थके नहीं चल सकता था। उसकी उड़ान भरने का कारनामा सामने आया 1941 के प्रकाशित एक कार्टून सीरीज में।
बहादुरी का असली राज
कहते हैं कि हम बचपन में जो कुछ देखते-सुनते हैं, बड़े होकर वैसे ही बन जाते हैं। सुपरमैन के साथ भी यही बात लागू होती है। उसकी बहादुरी का राज उसके बचपन का परिवेश है। जब वह बच्चा था, सुपरहीरो और अपनी उम्र के सुपरटींस से उसकी मुलाकात आए दिन होती थी। उनकी तरह रोमांचक कारनामों की प्रैक्टिस करता था। जब वह घर लौटता, तो उसकी यादें उसे सुपरहीरो बनने के लिए प्रेरित करती थीं। साथ ही, उन्हें देखकर ही उसने इंसानों की तरह आशावादी बनना सीखा। सुपरमैन इस बात पर बहुत यकीन करता था कि हमें बेहतरीन बनने की कोशिश करनी चाहिए और जो कुछ हम आज हैं, वह पुराने समय का ही नतीजा है। यह सीख हमें उससे लेनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति बेहतर बन सकता है।
टेक्निकली स्ट्रांग मैन
सुपरमैन एलियन है, इसलिए उसमें असाधारण शक्ति है। यह फौलादी किरदार सबका प्यारा भी है। दोस्तो, इन सब बातों के अलावा, वह टेक्निकली भी काफी स्ट्रांग है। इसकी वजह है उसका पहनावा। वह जो चश्मा लगाता है, उसका लेंस थोड़ा अलग है। इसकी वजह से उसकी आंखों का रंग भी बदल जाता है। वह अपनी आवाज भी बदल सकता है। जब वह अपने असली रूप में होता है, आवाज को पूरी तरह बदल लेता है। इतना ही नहीं, सुपरमैन ऐक्टिंग भी जानता है। जब वह भेष बदलता है, तो अपनी बॉडी लैंग्वेज को भी उसी के अनुरूप बना लेता है।
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