सरपंच ने रिश्वत मांगी तो आदिवासी खुद जुटे, 2 साल में पत्थरों को तोड़कर बना दिया तालाब
दमोह : सालों से जलसंकट से जूझ रहे हटा ब्लाक के करकोई गांव के 20 आदिवासी परिवारों ने सरपंच से कुआं खुदवाने की गुहार लगाई। सरपंच ने इसके लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। आदिवासियों ने रिश्वत न देकर खुद ही तालाब खोदने की ठान ली। इन्होंने दो साल तक निरंतर पहाड़ी पर खुदाई की और आखिर तालाब की गहराई में 6 फीट पानी आ गया। उससे उनकी प्यास भी बुझ रही है और खेतों में फसलें भी लहलहा रही हैं। हालांकि अभी भी वे तालाब की चौड़ाई और गहराई बढ़ाने में जुटे हैं।
हौसला... लकड़ियां जलाकर बड़े पत्थर चटकाए
इन परिवारों के मुखिया 60 साल के भैयालाल आदिवासी ने बताया, दो साल पहले 50 मीटर लंबे और 6 फीट गहरे एरिया में बड़े-बड़े पत्थरों की तुड़ाई शुरू की। जो बड़े पत्थर नहीं टूटे, उनके ऊपर लकड़ियां रखकर जलाईं, ताकि पत्थर गर्म होकर चटक जाए। जब विशालकाय पत्थर टूटे तो रस्सी और औजारों के सहारे उन्हें तलैया से बाहर निकाला। अब मौके पर तालाब का स्वरूप दिखाई देने लगा है।
कलेक्टर बोले- मनरेगा से तालाब को विस्तृत करेंगे
आपके माध्यम से यह मामला संज्ञान में लाया गया है। यदि ऐसा है तो आदिवासी परिवारों की मदद की जाएगी, मनरेगा के माध्यम से इस तालाब को विस्तृत करवाएंगे।' -तरुण राठी, कलेक्टर, दमोह
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