अफसरों ने बताई दुश्वारी, फिर भी सरकार ने दिए गेहूं खरीदी के आदेश

भोपाल। एक अप्रैल से गेहूं खरीदी शुरू करने को लेकर मध्य प्रदेश के कई जिलों के कलेक्टरों और कमिश्नरों ने दुश्वारियां बता दी हैं। इसकी वजह कोरोना इफेक्ट तो है ही, साथ में प्रशासन द्वारा गेहूं खरीद के लिए अब तक कोई तैयारियां न कर पाना है। उपार्जन समितियों ने कहा कि खरीदी के लिए लेबर और हम्माल उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। जहां अफसर बुधवार 1 अप्रैल से खरीदी शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं वहीं सरकार ने चार संभागों में इसके आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार को भेजे पत्र में अफसरों ने कहा कि ठेकेदारों द्वारा हम्माल बिहार से बुलाए जाते हैं, लेकिन फिलहाल आवागमन पूर्णत: बंद होने के कारण वहां से हम्मालों का आना संभव नहीं है। कलेक्टरों द्वारा यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि हम्मालों के अभाव में किसानों को उनकी फसल खरीदी करने के लिए बुलाया जाता है तो अफरा- तफरी की स्थिति उत्पन्न् हो जाएगी। यदि खरीदी प्रारंभ की जाती है तो उपार्जन केंद्रों में किसानों की भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल होगा और कानून व्यवस्था के हालात निर्मित होंगे।


मास्क लगाकर करें खरीदारी


कई कलेक्टर व कमिश्नरों ने आग्रह किया गेहूं खरीद का काम 15 अप्रैल के बाद ही शुरू करें। बावजूद इंदौर, उज्जैन, भोपाल व नर्मदापुरम् संभाग में 1 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू करने का आदेश जारी कर दिया। सोमवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने चार संभागों में मास्क लगाकर गेहूं खरीदी प्रारंभ करने के निर्देश दिए।


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