कोरोना वायरस: मुसलमान इस बार हज नहीं कर पाएंगे?,सउदी को पड़ सकता है भारी

कोविड-19 के फैलने से धार्मिक कार्यक्रमों को तगड़ा झटका लगा है. इसकी वजह से रोम में होने वाले कैथोलिक पवित्र सप्ताह के इवेंट्स में बदलाव किया गया है. इनमें सेंट पीटर्स कैथेड्रल में हने वाले ईस्टर मास के कार्यक्रम भी शामिल हैं.


इटली सख्त लॉकडाउन में है और स्थानीय प्रशासन ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि आम लोगों को सेंट पीटर्स स्क्वेयर पर इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जाएगी. यहां पर पूरी दुनिया के दसियों हजार कैथोलिक हर साल इस दौरान इकट्ठा होते हैं.


इस बात का भी डर है कि कोरोना के चलते सउदी अरब में हर साल मुसलमानों की तीर्थयात्रा हज पर भी बुरा असर पड़ सकता है. 2019 के हज के लिए 20 लाख से ज्यादा लोग मक्का पहुंचे थे. हालांकि, सउदी सरकार ने मार्च की शुरुआत में एक और तीर्थयात्रा उमरा के लिए ट्रैवल को बंद कर दिया था.


हज को रद्द करने का फैसला अभूतपूर्व होगा. 1918 के फ़्लू जैसी महामारी के दौरान भी हज को नहीं रोका गया था जबकि उस वक्त इस बीमारी से पूरी दुनिया में दसियों लाख लोगों की मौत हुई थी. अनुमान है कि हज से सउदी ख़जाने को हर साल करीब 12 अरब डॉलर की कमाई होती है.


साथ ही ऐसे वक्त में जबकि यह देश अपनी इकनॉमी को तेल की बजाय दूसरे जरियों की ओर शिफ्ट करने की कोशिश कर रहा है, हज का कैंसिल होना इसकी योजनाओं पर भारी पड़ सकता है.


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