लाॅकडाउन : मज़दूरों का दर्द आज सुनेगा सुप्रीम कोर्ट
New Delhi :कोरोना वायरस की वजह से प्रवासी मज़दूरों की मुसीबतों से जुड़ी याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट। लॉकडाउन के बाद शहरों में रोजी-रोटी कमाने आए मज़दूरों को पैदल ही घर लौटना पड़ रहा है। इन्हें न तो पर्याप्त खाना-पानी मिल रहा है और न ही ज़रूरी सुरक्षा।
लॉकडाउन के बीच दिहाड़ी मजदूर और ऐसे ही कामगार हजारों की तादाद में मुंबई, जयपुर, सूरत जैसी जगहों से अपने-अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। इन प्रवासी मजदूरों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस याचिका में पैदल अपने गांव के लिए रवाना हुए मजदूरों और उनके परिवारों के लिए खाना, पानी और ठहरने के इंतजाम करने की मांग की गई है। दिल्ली के एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव ने यह याचिका दाखिल की है।
इससे पहले केंद्र ने राज्यों से कहा था कि राज्य आपदा कोष से बॉर्डर पर ही मजदूरों के लिए खाने-पीने और 14 दिन के क्वारैंटाइन का इंतजाम किया जाए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निवास पर हुई मंत्री समूह की बैठक में लॉकडाउन के दौरान सफर करने वाले प्रवासियों को रहने के लिए अस्थाई आवास देने का फैसला किया गया। वहीं, खाना, दवाइयां और ऊर्जा उत्पाद जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई को चालू रखने का फैसला भी किया गया।
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