लॉकडाउन : मजदूर ने सड़क पर बैठ खुद काटा टूटे पैर का प्लास्टर, और निकल पड़ा सैंकड़ों KM दूर अपने गांव
भोपाल: कोरोनावायरस से जंग के बीच देशभर में लगाए गए 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से अपने गांव या शहर जा रहे मजदूरों की कई मार्मिक खबरें सामने आ रही हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है, जहां राजस्थान के रहने वाले भंवरलाल ने अपने टूटे हुए पैर का प्लास्टर काटा और अपने घर के लिए रवाना हो गए. उसे मंदसौर के पास एक चेकपोस्ट पर रोका गया. उसे राजस्थान के बारां जिले में अपने गांव पहुंचने के लिए 240 किलोमीटर का और सफर करना है. भंवरलाल के सड़क पर बैठे और प्लास्टर काटते हुए तस्वीर और वीडियो वायरल हो गए हैं.
उसने बताया कि वह यहां तक एक गाड़ी में बैठकर आया और कहा कि मुझे मेरे गांव और मेरे परिवार तक पहुंचना है. मुझे पता है कि पुलिस सीमाओं पर लोगों को रोक रही है और लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है. मेरा परिवार अकेला है और मेरे पास काम नहीं है, इसलिए मैं उन्हें पैसे नहीं भेज पा रहा हूं. इसलिए मुझे मेरे पैर का प्लास्टर काटना पड़ा और मुझे 242 किलोमीटर दूर मेरे गांव जाना है.'
बता दें, प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की सरकारों से कहा है कि वे अपनी सीमाओं को सील कर दें. इसके बाद राज्यों ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया, लोगों और साधनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. प्रशासन उन्हें खाना और पानी मुहैया करवा रहा है. लेकिन जाने के लिए साधन नहीं है.
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