मध्य प्रदेश को मिली करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेने की छूट
भोपाल । प्रदेश की मौजूदा वित्तीय स्थिति और कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों के मद्देनजर वित्तीय संसधान जुटाने के लिए केंद्र सरकार ने बाजार से अतिरिक्त कर्ज लेने की छूट दे दी है। इसके तहत प्रदेश सरकार बाजार से चार हजार 443 करोड़ रुपये कर्ज ले सकती है। उधर, सरकार एक बार फिर बाजार से सोमवार को 750 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है।
वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम) के तहत सरकार राज्य के कुल सकल घरेलू उत्पाद का साढ़े तीन प्रतिशत तक कर्ज ले सकती है। यह राशि 22-23 हजार करोड़ रुपये के आसपास होती है। आर्थिक मंदी के कारण सकल घरेलू उत्पाद प्रभावित हुआ है।
केंद्र सरकार से भी अपेक्षित आर्थिक सहायता केंद्रीय करों में कमी की वजह से नहीं मिली है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने कई राज्यों को एफआरबीएम में छूट दी है। प्रदेश को इस प्रावधान के तहत चार हजार 443 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी गई है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इतनी ही राशि राज्य सरकार की आम बजट में समायोजित (एडजस्ट) की थी।
यह बताया गया था कि वर्ष 2018 में केंद्र सरकार ने राज्य को कई मदों में अग्रिम दिया था, जिसका समायोजन किया गया है। अतिरिक्त कर्ज लेने की छूट मिलने से सरकार का वित्तीय प्रबंधन पटरी पर आने की संभावना है। उधर, विभाग ने चार साल के लिए बाजार से 750 करोड़ रुपये कर्ज लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से टेंडर सोमवार तक बुलाए हैं। मंगलवार को जिस संस्था का सबसे कम ब्याज दर पर कर्ज देने का प्रस्ताव होगा, उसे मंजूर करते हुए कर्ज लिया जाएगा।
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