योगी ने नोएडा डीएम से कहा- बकवास बंद, ट्रांसफर, सुहास नए कलेक्टर

नोएडा : नोएडा पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉक डाउन के बावजूद वहां कोरोना फैलने की वजहों की पड़ताल की तो अधिकारियों के जवाब पर उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जिलाधिकारी बीएन सिंह से जवाब मांगा तो संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने बैठक में मौजूद अफसरों पर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने अफसरों से यहां तक कह डाला कि अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डालना बंद करिए।  इस बीच सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए नोएडा के डीएम को हटा दिया है और उनकी जगह सुहास एल वाई को गौतमबुद्ध नगर का नया डीएम बनाया गया है। इससे पूर्व सीएम द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद  नोएडा के डीएम बीएन सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तीन महीने की छुट्टी मांगी थी। उन्होंने मीटिंग में यह भी कहा कि मैं 18-18 घंटे काम कर रहा हूं। मैं नोएडा में नहीं रहना चाहता।


बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री के सवालों के जवाब देने की कोशिश की लेकिन सीएम ने उनसे नाइत्तेफाकी जाहिर कर दी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सीधे बोल दिया कि वह इन इंतजामों से खुश नहीं है। सही मायने में अच्छे ढंग से इंजाम नहीं किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो महीने पहले अलर्ट जारी किया गया था, तब से क्या किया गया। दरअसल मुख्यमंत्री नोएडा में  ब्रिटिश नागरिक से फैले संक्रमण पर खिन्न थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सही ढंग से सूचनाएं नहीं दी जा सकीं। सीएमओ और डीएम ने स्पष्टीकरण दिया और तैयारियां बताईं लेकिन सीएम ने उहें खारिज कर दिया।


मुख्यमंत्री इस बात से नाराज थे कि ब्रिटेन से आए नागरिक को लेकर सतर्कता नहीं बरती गई। उसके संपर्क में आने वाले लोगों को सही तरह से जानकारी नहीं पहुंचाई गई। जिसकी वजह से यह परेशानी उत्पन्न हुई है। इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग भार्गव ने स्पष्टीकरण भी दिया। डीएम ने इस मसले पर जवाब देने के लिए हाथ खड़ा किया तो प्रमुख सचिव ने उन्हें रोक दिया।  


डीएम ने कहा, 18 घंटे काम किया


मुख्यमंत्री की ओर से इंतजामों पर नाराजगी जाहिर करने पर डीएम बीएन सिंह ने कहा कि वह रोजाना 18 घंटे काम कर रहे हैं। इसके बावजूद अगर हालात संभल नहीं रहे हैं तो वह गौतमबुद्ध नगर में पोस्ट नहीं रहना चाहेंगे। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें फटकार लगाई।


महामारी के दौरान नहीं मिल सकता उपार्जित अवकाश


इस मामले में शासन के अधिकारी फिलहाल कुछ कहने से इनकार कर रहे हैं। नियुक्ति विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में महामारी अधिनियम लागू है ऐसी आपात स्थिति में किसी अधिकारी को उपार्जित अवकाश नहीं स्वीकृत किया जा सकता है।


यह लिखा डीएम ने अपने पत्र में


डीएम ने मुख्य सचिव को संबोधित पत्र में लिखा : कृपया अवगत कराना है कि व्यक्तिगत कारणों से मैं जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर के पद पर नहीं रहना चाहता हूं। अत: जिलाधिकारी के पदीय दायित्वों से मुक्त करते हुए तीन माह का उपार्जित अवकाश स्वीकृत करने का कष्ट करें। क्योंकि वर्तमान में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की प्रशासनिक शिथिलता न हो, इस हेतु आवश्यक है कि जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर के पद पर किसी अन्य अधिकारी की तैनाती करने का कष्ट करें।


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