पालघर पर बोले अर्णब तो आरोप-प्रत्यारोप में फंसी कांग्रेस और बीजेपी

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ अपशब्द कहने के मामले में छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दायर की है.


टीएस सिंहदेव का आरोप है कि अपने चैनल में एक कार्यक्रम के दौरान अर्णब ने समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए जानबूझकर भड़काऊ बयान दिए और सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया.




TS Singh Deo
 

@TS_SinghDeo




I have just filed a complaint against @republic's Editor-in-Chief Arnab Goswami in Raipur for deliberately making inflammatory statements on his channel to invoke hatred among different communities and using derogatory language against Congress President Smt Sonia Gandhi





 

पालघर मॉब लिंचिंग से जुड़े एक लाइव टीवी कार्यक्रम में अर्णब गोस्वामी ने सोनिया गांधी का नाम लेते हुए कई सवाल पूछे थे.

अर्णब ने कहा था, "अगर किसी मौलवी या पादरी की इस तरह से हत्या हुई होती तो क्या मीडिया, सेक्युलर गैंग और राजनीतिक दल आज शांत होते? अगर पादरियों की हत्या होती तो क्या 'इटली वाली एंटोनियो माइनो' 'इटली वाली सोनिया गांधी' आज चुप रहतीं?"


महाराष्ट्र के पालघर से सूरत जा रहे दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. भीड़ को इन पर चोर होने का शक था.


अर्णब के इस बयान के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी उनकी निंदा की है.


वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अर्णब के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है और उन्होंने एडिटर्स गिल्ड से उनके ख़िलाफ़ कदम उठाने के लिए कहा है.




Office Of Kamal Nath
 

@OfficeOfKNath




अर्नब गोस्वामी की कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी पर की गयी टिप्पणी बेहद निंदनीय , निम्नस्तरीय आचरण व बेहद शर्मनाक।
उन्होंने अपनी टिप्पणी से भारतीय संस्कारो व पवित्र रिश्तों का भी मज़ाक़ उड़ाया है।
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कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी अर्णब के बयान की निंदा की है.


उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "ये बेहद दुर्भाग्यजनक है कि कुछ न्यूज़ एंकर सोनिया गांधी के मूल्यों पर सवाल उठा रहे हैं. अपने जीवन का पचास साल से अधिक वक्त वो भारत में गुज़ार चुकी हैं. उन्होंने इज़्ज़त और शिद्दत के साथ अपने प्रियजनों का बलिदान दे कर ये साबित किया है कि भारतीय होने का मतलब क्या है."




K C Venugopal
 

@kcvenugopalmp




It is deplorable that certain "anchors" believe it is their right to question Smt. Sonia Gandhi's virtues & values. She has spent 50+ years of her life in our nation. She has served with dignity & sincerity, she has sacrificed loved ones & epitomized what it means to be Indian.





 


वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे सिद्धरमैय्या ने कहा है कि वो किसी दूसरे भारतीय की तरह ही भारतीय हैं.


सोनिया गांधी का मई 1999 का एक वीडियो ट्वीट कर उन्होंने लिखा "सोनिया गांधी अर्णब गोस्वामी से अधिक भारतीय हैं. एक तरफ जहां अर्णब ने ज़हर उगल कर देश के चौथे स्तंभ को कमज़ोर किया है वहीं सोनिया गांधी ने देश की एकता और भाईचारे के लिए काम किया है."


"पत्रकारिता एक सम्मानजनक काम है, इसके ज़रिए जनता गणतंत्र के तीनों स्तंभों के बारे में जान सकती है और विचार कर सकती है. लेकिन अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी इस बात का उदाहरण हैं कि पत्रकारिता कैसे नहीं की जानी चाहिए."






Siddaramaiah
 

@siddaramaiah




Smt. Sonia Gandhi is as Indian as anyone of us. She is definitely more Indian than . She has worked towards creating harmony & brotherhood in our Country. On the other hand has weakened the 4th pillar through his venom.



















कांग्रेस की इस तीख़ी प्रतिक्रिया पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोनिया गांधी पर हमला किया है.


उन्होंने कहा है "सोनिया गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं है. सोनिया गांधी न राम को पसंद करती है ना राम भक्तों को."




Sambit Patra
 

@sambitswaraj




सोनिया गाँधी कैसे साधु संतो का साथ दे सकती है ..ये तो वही सोनिया गाँधी है जिसने कहा था affidavit दे कर Supreme Court में की भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं है
सोनिया गांधी ना राम को पसंद करती है ना राम भक्तों को।


बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने कहा है कि कांग्रेस सच बोलने के लिए अर्णब पर हमले कर रही है.


उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "विकी केबल के अनुसार साल 2013 में सोनिया गांधी ओडिशा और कर्नाटक में बजरंग दल पर रोक लगाने की मांग कर रही थीं. लेकिन एम के नारायणन के ये कहने के बाद वो पीछे हट गईं कि उनकी कोशिशें ईसाई लोगों के धर्मांतरण के विरोध में थी."
















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