'जिन्दगी कैसी है पहेली' गीत लिखने वाले गीतकार योगेश नहीं रहे

Zindagi kaisi hai paheli जैसा अमर गीत लिखने वाले गीतकार Yogesh का आज निधन हो गया। उनका पूरा नाम योगेश गौर थी लेकिन उन्हें योगेश से ही पहचाना जाता था। योगेश के खाते में 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए' जैसे गाने हैं और उन्होंने कई हिट फिल्मों में गीत लिखे। योगेश को पहला ब्रेक फिल्म 'सखी रॉबिन' में मिला था, यह 1962 में आई थी। इसके बाद उन्होंने 'छोटी सी बात', 'बातों बातों में', 'मंजिल', 'रजनीगंधा' जैसी कई फिल्मों के लिए गीत लिखे।


योगेश अपनमे गीतों को लेकर कहा करते थे 'जो देखता था, जो जीता था, वो ही लिखा है। मैंने हमेशा ही अपने ईर्द - गिर्द की बातों को गीतों में उतारा है।' उनकी आखिरी फिल्म सलमान खान की 'सनम बेवफा' थी।


 


योगेश के निधन पर लता मंगेशकर ने ट्विटर पर दुख जताया है। लता ने लिखा है 'मुझे अभी पता चला कि दिलों को छूनेवाले गीत लिखने वाले कवि योगेशजी का आज स्वर्गवास हुआ। ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। योगेशजी के लिखे गीत मैंने गाए। योगेशजी बहुत शांत और मधुर स्वभाव के इंसान थे। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं।'


2017 में योगेश को खंडवा में 'राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान' दिया गया था। इस मौके पर उन्होंने नईदुनिया से बात करते हुए कहा था ' नए दौर में भी नए गीत रचे जाते रहेंगे लेकिन सुनहरे दौर जैसा संगीत दोबारा बन पाना तकरीबन असंभव है। ठीक उसी तरह जैसे इमारतें तो आगे भी बनती रहेंगी। अब तो 25-30 मंजिला भव्य इमारतें बन रही हैं लेकिन वो कितनी भी ऊंची और आलीशन हों ताजमहल की बराबरी तो नहीं कर सकेंगी।'


Comments

Popular posts from this blog

बुरहानपुर में बवाल : दरगाह का ताला तोड़कर अंदर घुसे हिंदू संगठन के कार्यकर्ता, हनुमान जी की प्रतिमा होने का दावा, चोला चढ़ा कर किया हनुमान चालीसा का पाठ

धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर मामले में नया मोड़ : कमिश्नर और कलेक्टर को हाईकोर्ट की अवमानना का नोटिस

नप गए SDM, तीन महीने की जेल और 25000 जुर्माना:आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला