Corona : राजभवन परिसर को कंटेनमेंट मुक्त करने में जल्दबाजी क्यों ? 21 दिन की है गाइडलाइन
भोपाल । मध्य प्रदेश राजभवन ने अपने परिसर को जल्दबाजी में कंटेनमेंट मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन के हिसाब से 21 दिन का कंटेनमेंट प्लान है।
कलेक्टर भोपाल के अनुसार यही प्लान लागू है और वे भी मानते हैं कि राजभवन को तकनीकी तौर पर कंटेनमेंट मुक्त नहीं किया गया है। हालांकि राजभवन के जिन 10 लोगों को कोरोना निकला है, उनके घरों में अब कोई नहीं है और न ही किसी का आना-जाना है।
राजभवन सूत्रों का कहना है कि संक्रमित लोगों को अस्पताल और उनके स्वजनों को क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया है। कर्मचारी कॉलोनी स्थित उनके आवास 'लॉक' हैं। पूरा क्षेत्र खाली करा लिया गया है, इसलिए एक जून को राजभवन को कंटेनमेंट मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया था। उस क्षेत्र में अब किसी का आना-जाना नहीं है, लेकिन राजभवन द्वारा कंटेनमेंट मुक्त क्षेत्र घोषित करने की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।
मंगलवार को भी मिला एक पॉजिटिव
ज्ञात हो कि मंगलवार को भी परिसर के निर्माण स्थल पर एक श्रमिक का टेस्ट पॉजिटिव आया था, वह मजदूर बाहर कहीं निवास करता है। इसके पहले राजभवन कॉलोनी में रहने वाले 10 लोगों को संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। परिसर में निवासरत अन्य 385 लोगों का कोविड टेस्ट भी कराया गया है, इनमें से अब कोई भी संक्रमित नहीं है।
21 दिन की है गाइडलाइन
भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन के हिसाब से 21 दिन का कंटेनमेंट प्लान है, इसलिए उसी गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है। इस हिसाब से तकनीकी तौर पर राजभवन क्षेत्र कंटेनमेंट मुक्त घोषित नहीं किया गया।
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