सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के सामने सोनिया ने लगाई तीखे सवालों की झड़ी, चीनी सैनिकों को लेकर मोदी सरकार से की 'बड़ी' मांग
नई दिल्ली : लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद पैदा हुए हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस दौरान कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद पैदा हुए हालात में देश के रक्षा बलों के प्रति एकजुटता प्रकट की। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तल्ख तेवर दिखाते हुए मोदी सरकार से सवालों की झड़ी लगा दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि सरकार यह आश्वासन दे कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बहाल होगी और चीनी सैनिक अपनी पुरानी जगह पर लौटेंगे।
सोनिया बोलीं- पूरा देश एकजुट खड़ा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में यह भी कहा कि सरकार इस पूरे मामले में विपक्षी दलों और जनता को विश्वास में ले तथा स्थिति के बारे में नियमित तौर पर अवगत कराती रहे। सोनिया ने शहीद जवानों को नमन और घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए यह सवाल भी किया कि चीनी सैनिकों की घुसपैठ कब हुई थी और इसमें क्या कोई खुफिया नाकामी है? उनके मुताबिक यह बैठक उसी वक्त ही होनी चाहिए थी जब सरकार के पास कथित तौर पर यह जानकारी आई थी कि चीनी सैनिकों ने पांच मई को घुसपैठ की। हमेशा की तरफ पूरा देश चट्टान की माफिक एकजुट खड़ा होता और देश की अखंडता की रक्षा करने में सरकार का पूरा सहयोग करता।
कांग्रेस अध्यक्ष का मोदी सरकार पर सवालों की बौछार
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज की स्थिति में भी हम इस संकट के कई महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में अनभिज्ञ हैं। ऐसे में हम सरकार से सवाल करना चाहते हैं कि किस तारीख को चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की? सरकार को इस बारे में कब जानकारी मिली? क्या यह पांच मई को हुआ था जैसा कि कुछ खबरों में कहा गया है या फिर इससे पहले?
सोनिया ने पूछा- क्या यह खुफिया नाकामी?
उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार को हमारी सीमाओं की उपग्रह से ली गई तस्वीरें नियमित तौर पर नहीं मिलती है? क्या हमारी बाह्य खुफिया एजेंसियों ने एलएसी पर किसी की असामान्य गतिविधि और बड़े पैमाने पर सैनिकों के जमावड़े के बारे में रिपोर्ट नहीं दी? क्या सरकार के मुताबिक कोई खुफिया नाकामी थी? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि पांच मई से लेकर छह जून को कोर कमांडर स्तर की बैठक होने के बीच कीमती वक्त को जाया किया गया। छह जून की बैठक के बाद भी सीधे चीन के नेतृत्व के साथ राजनीतिक एवं कूटनीतिक स्तर पर बातचीत का प्रयास होना चाहिए था।अप्रैल के बाद के घटनाक्रम की जानकारी मांगी
सोनिया ने दावा किया कि हम सभी उपायों का इस्तेमाल करने में विफल रहे और इसका नतीजा यह हुआ है कि हमारे 20 जवानों की जान चली गई और कई घायल हो गए। उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करती हूं कि हमारे साथ सारे तथ्य और अप्रैल के बाद से हुए घटनाक्रमों के बारे में जानकारी साझा करें। पूरा देश यह आश्वासन चाहता है कि यथास्थिति बहाल होगी और चीन एलएससी पर अपनी पुरानी जगह वापस जाएगा।
रक्षा बलों की तैयारियों के बारे में भी जानकारी की मांग
सोनिया ने आग्रह किया कि हम यह भी चाहते हैं कि किसी भी खतरे से निपटने में हमारे रक्षा बलों की तैयारी के बारे में अवगत कराया जाए। विशेष तौर पर मैं पूछना चाहती हूं कि हमारी ‘माउंटेन स्ट्राइक कोर’ की क्या स्थिति है जिसकी अनुशंसा 2013 में की गई थी। उन्होंने कहा, कांग्रेस और पूरा विपक्ष अपने रक्षा बलों के साथ खड़ा है और उनकी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार है। पूरा देश उम्मीद करता है कि सरकार संपूर्ण विपक्ष और पूरे देश को विश्वास में लेगी और हमें नियमित तौर पर स्थिति के बारे में अवगत कराती रहेगी।
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