बाकानेर निप्र : काजी इकबाल अली (बिजली बोर्ड ) की पत्नी श्रीमती कनीज़ बी 55 वर्ष के निधन पर सभी समाज के नगरवासियों द्वारा दुःख वक्त करते हुवे श्रद्धांजलि अर्पित की।
पुलिस ने इस मामले में 2 नामजद सहित 100 से अधिक अन्य लोगों पर केस दर्ज किया है। दरगाह प्रबंधन का जवाब- 36 साल पहले खरीदी थी जमीन, बिना अनुमति के निजी संपत्ति में जबरन किया प्रवेश बोहरा समाज की विश्व प्रसिद्ध दरगाह-ए-हकीमी का मामला ✍️ सप्तग्रह रिपोर्टर भोपाल /बुरहानपुर । शहर से लगे लोधीपुरा गांव स्थित बोहरा समाज के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दरगाह-ए-हकीमी के पिछले हिस्से में मंगलवार दोपहर करीब ढाई घंटे तक इच्छेश्वर हनुमान मंदिर के पदाधिकारियों, हिंदूवादी संगठनों और गांव के लोगों ने प्रदर्शन किया। वहीं, दरगाह प्रबंधन का कहना है बिना अनुमति के निजी संपत्ति में जबरन प्रवेश किया गया है। हिंदू संगठनों का कहना है खेत में हनुमाजी की प्रतिमा है और समाजजनों को इसके पूजन का पूरा अधिकार है। उन्होंने यहां आरती भी की। दोपहर बारह बजे शुरू हुआ प्रदर्शन करीब ढाई बजे तक चला। वे दरगाह के स्वामित्व वाली भूमि पर स्थित प्राचीन मंदिर और वहां मौजूद हनुमानजी की अति प्राचीन मूर्ति तक पहुंच मार्ग देने की मांग कर रहे थे। दरगाह प्रबंधन ने वहां तक जाने वाले मार्ग के गेट पर ताला लगा रखा था। मंदिर समिति के महेश सि
म ध्य प्रदेश में सीएम मोहन यादव की सरकार बनते ही उनके लिए सबसे पहले फैसले के बाद से शुरू हुआ लाउडस्पीकर विवाद, अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को इस मामले में नया मोड़ आ गया। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में जिला कलेक्टर खंडवा सहित इंदौर कमिश्नर को हाईकोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है। यही नहीं इस दौरान हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने इस मामले में कड़ी नाराजगी जताते हुए की गई तल्ख टिप्पणी में कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया, जिसके चलते यह अवमानना का मामला बनता है। बता दें कि प्रदेश के कई जिलों के धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को प्रशासन ने अचानक दिए मौखिक आदेश से हटवा दिया था। इसके बाद इसको लेकर प्रदेश के इंदौर, भोपाल सहित खंडवा जिलों से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इनमें से खंडवा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अमले के द्वारा की गई कार्रवाई के मामले में जिला कलेक्टर खंडवा और कमिश्नर इंदौ
✍️सप्तग्रह रिपोर्टर खरगोन/धार । मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के भीकनगांव में पदस्थ एसडीएम को कोर्ट की अवमानना के केस में 3 महीने की सजा से दंडित किया गया है। इन्हीं एसडीएम पर इसी से जुड़े मामले में हाई कोर्ट इंदौर ने 5 दिन पहले 25000 रुपए का फाइन लगाया है। सरदारपुर जिला धार के जज महेंद्र सिंह मेहसन ने कोर्ट की अवमानना को लेकर तत्कालीन सरदारपुर एसडीएम बोन्दर सिंह कलेश को तीन महीने की सिविल जेल की सजा से दण्डित किया है। बोन्दर सिंह कलेश फिलहाल खरगोन जिले के भीकनगांव के एसडीएम है। आवेदक मनोहर लाल जैन और उनके पुत्र मनोज जैन के वकील अंशुल राजपुरोहित ने बताया कि राजगढ़ में उनके पूर्वजों के पुराने मकान को नगर परिषद द्वारा खतरनाक मानते हुए गिराए जाने का आदेश दिया था। इस आदेश के चलते पुराने मकान को गिराया गया और नए मकान की विधिवत अनुमति लेकर कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया। इस पर एसडीएम सरदारपुर बोन्दर सिंह कलेश ने मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत निर्माण को शासकीय भूमि पर मानते हुए इसे हटाए जाने का नोटिस दिया। इस पर सभी दस्तावेज दिखाए जाने के बावजूद 18 दिसंबर 2021 को इसे गिरा
Comments
Post a Comment