जो जवाब प्रशांत भूषण ने दिया, वह ज़्यादा अपमानजनक : सुप्रीम कोर्ट, चेतावनी देकर छोड़ दिया जाए, सज़ा न दी जाए : AG
- प्रशांत भूषण के कोर्ट की अवमानना मामले में अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि भूषण को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाना चाहिए, उन्हें सजा न दी जाए.
नई दिल्ली: प्रशांत भूषण के कोर्ट की अवमानना मामले में अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि भूषण को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाना चाहिए, उन्हें सजा न दी जाए. इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशांत भूषण ने अपनी टिप्पणी के जवाब में जो बयान दिया है वह ज्यादा अपमानजनक है. बताते चलें कि पिछली सुनवाई में प्रशांत भूषण ने 2009 में दिए अपने बयान पर खेद जताया था लेकिन बिना शर्त माफ़ी नहीं मांगी थी. उन्होंने कहा था कि तब मेरे कहने का तात्पर्य भ्रष्टाचार कहना नहीं था बल्कि सही तरीक़े से कर्तव्य न निभाने की बात थी. जानकारी के लिए बता दें कि 2009 में एक इंटरव्यू में वकील भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के 8 पूर्व चीफ़ जस्टिस को भ्रष्ट कहा था.
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि न्यायपालिक में करप्शन को लेकर कई पूर्व जज बोल चुके हैं. लिहाजा भूषण को एक चेतावनी देकर छोड़ दिया जाना चाहिए. ऐसे बयान सिर्फ कोर्ट को बताने के लिए दिए जाते हैं कि आप अस्पष्ट दिख रहे हैं और आपमें भी सुधार की जरूरत है. उन्हें सिर्फ ऐसे बयान दोबारा नहीं देने की चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए. बता दें कि 2009 अदालत की अवमानना मामले में चल रही सुनवाई फिलहाल टल गई है. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की नई बेंच मामले की सुनवाई करेगी. जस्टिस अरूण मिश्रा की बेंच ने इसे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (Chief Justice of India) के पास भेजा है. अब CJI द्वारा नई बेंच का गठन किया जाएगा. सुनवाई के दौरान जस्टिस मिश्रा ने कहा वो रिटायर हो रहे हैं अब अगली सुनवाई करने वाली उचित बेंच ये तय करेगी कि इस मामले को बडी बेंच के पास भेजा जा सकता है या नहीं.
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