प्राचीन भारतीय सनातन संस्कृति में पर्यावरण का देवतुल्य स्थान, आज होगा प्रकृति वंदन कार्यक्रम

संघ प्रमुख भागवत करेंगे संबोधित 


टीकमगढ़ : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ अभय प्रताप सिंह यादव ने बताया की हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन तथा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तत्वावधान में आगामी 30 अगस्त को राष्ट्रीय स्तर पर प्रकृति वंदन का आयोजन किया जाएगा। रविवार, 30 अगस्त को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक प्रस्तावित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत वर्चुअल माध्यम से देशवासियों को सम्बोधित करेंगे। इसे संघ के फेसबुक पेज पर लाइव किया जाएगा। कार्यक्रम में शामिल सभी लोग अपने-अपने घर में प्रकृति का वंदन करेंगे। विभिन्न पर्यावरण प्रेमी, संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ साथ संघ के स्वयंसेवक भी सपरिवार शामिल होंगे। इसके निमित्त घर के निकट लगे पेड़ या गमले में लगे पौधों की पूजा की जाएगी। डॉ यादव ने कहा कि समाज को प्रकृति व प्राणी रक्षा के प्राचीन मूल्यों की ओर पुनः उन्मुख करने के लिए सभी को इस आयोजन में शामिल हाेने, प्रकृति वंदन के इस महत्वपूर्ण अभियान में हम सब सहभागी बनें इसकी अपील की गई है। डॉ यादव ने कहा कि दुनिया को एक परिवार के रूप में केवल हिंदू संस्कृति बांध सकती है। हिंदू संस्कृति में प्रकृति वंदन का अत्यंत महत्व है, क्योंकि प्रकृति बेहतर है तो सब बेहतर है और इसे बेहतर रखने के लिए हिंदू संस्कार ही सर्वोत्म है। विश्व की प्राचीनतम् संस्कृति भारतीय सनातन हिन्दू संस्कृति में पर्यावरण को देवतुल्य स्थान दिया गया है। यही कारण है कि पर्यावरण के सभी अंगों को जैसे जल, वायु, भूमि को देवताओं से जोड़ा गया हैं, देवता ही माना गया है।


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