एक गुरु ही शिष्य के अच्छे चरित्र का निर्माण करता है : मिन्नत गोरखपुरी


  • शिक्षक दिवस पर अच्छे समाज के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करने के लिए विद्यार्थी और शिक्षक संकल्प लें


गोरखपुर। शहर के सुप्रसिद्ध शायर , लेखक, समाजसेवी एवं विभिन्न सामानों से सम्मानित ई.मो. मिन्नतुल्लाह उर्फ मिन्नत गोरखपुरी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर कहा कि गुरु शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु और शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। मिन्नत गोरखपुरी ने कहा कि शिक्षक हमेशा जो छात्रों को कांटे पर भी मुस्कुराकर चलने के लिए प्रेरित करते हैं, लेकिन शिक्षकों को उनकी अनुरूप सम्मान नहीं मिल पाता है जिसे वह हमेशा महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि आज तमाम शिक्षक अपने ज्ञान की बोली लगाने लगे हैं।वर्तमान परिपेक्ष में देखें तो गुरु शिक्षक की परंपरा कहीं ना कहीं कलंकित हो रही है। आए दिन शिक्षकों द्वारा विद्यार्थी एवं विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें सुनने को मिलती है।इसे देखकर हमारी संस्कृति की इस अमूल्य गुरु शिक्षा परंपरा पर प्रश्न चिन्ह नजर आने लगता है।उन्होंने कहा कि इस शिक्षक दिवस पर विद्यार्थी और शिक्षक संकल्प लें कि वह इस महान परंपरा को बेहतर ढंग से समझेंगे और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करेंगे।


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