मध्यप्रदेश में 21 सितंबर से खुलेंगे स्कूल, लेकिन नहीं लगेंगी क्लास, कंटेनमेंट जोन में रहेगा प्रतिबंध


  •  आदेश शासकीय और निजी स्कूलों पर  हाेंगे लागू 


भोपाल। मध्य प्रदेश में शासकीय और प्राइवेट स्कूल 6 महीने बाद 21 सितंबर से सिर्फ आंशिक रूप से खुलेंगे। हालांकि कक्षाएं नहीं लगाई जाएंगी, लेकिन 9वीं से 12वीं तक के छात्र परिजन की अनुमति लेने के बाद थोड़े समय के लिए पढ़ने के लिए आ सकेंगे। शिक्षकों को अब स्कूल नियमित रूप से आना होगा। प्रदेश में 22 मार्च से बच्चों के लिए स्कूल बंद थे।


कोविड संक्रमण से बचाव के लिए स्कूलों को स्वास्थ्य विभाग की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का सख्ती से पालन करना होगा। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। अभी शिक्षक घर से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे थे। अब उन्हें स्कूल आने की अनिवार्यता कर दी गई है।


यह व्यवस्था थी अभी तक


प्रदेश में अभी तक की स्थिति में नर्सरी से लेकर कक्षा 8वीं तक पूरी तरह से 31 सितंबर तक बंद हैं। अब तक शिक्षकों को स्कूल आने की अनुमति नहीं थी, लेकिन नए आदेश में 21 सितंबर से सभी शिक्षकों को स्कूल आना अनिवार्य है। ऐसे में ऑनलाइन क्लास अब स्कूलों से होंगी। राज्य में विद्यार्थी और शिक्षक के बीच संवाद छोटे-छोटे समूह में पर्याप्त समय के अंतराल से होगा।


छह फीट की दूरी रखना जरूरी


स्कूल में एक-दूसरे के बीच कम से कम छह फीट की दूरी रखना अनिवार्य है। पूरे समय फेस-कवर या मास्क का उपयोग करने के साथ साबुन से बार-बार हाथों को धोना या उन्हें सैनिटाइज करना जरूरी होगा। विद्यालय की सभी ऐसी सतहों और उपकरणों का कक्षा शुरू होने और समाप्ति के बाद एक प्रतिशत हाइपो क्लोराइड के उपयोग से डिसइन्फेक्शन (कीटाणु शोधन) करना होगा। स्कूल में केवल कोरोना निगेटिव व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। विद्यालय में कोविड-19 के निवारक उपायों संबंधी जानकारी प्रदर्शित किए जाएंगे।


इन पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा


कंटेनमेंट जोन में विद्यालय खोलने की अनुमति नहीं है। साथ ही कंटेनमेंट जोन में निवासरत विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल में आने की अनुमति नहीं होगी। बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक रहेगी। विद्यार्थियों की भावनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक, स्कूल काउंसलर्स और स्कूल स्वास्थ्य कार्यकर्ता काम करेंगे।


पॉजिटिव आने पर पूरा परिसर सैनिटाइज होगा


छात्र, शिक्षक या कर्मचारी द्वारा बुखार, खांसी या श्वांस लेने में कठिनाई होने पर निकटतम चिकित्सा सुविधा संस्थान को तुरंत सूचित करना जरूरी है। उसका चिकित्सीय परामर्श लेना होगा। यदि व्यक्ति पॉजिटिव आता है, तो पूरे परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा।


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