तबरेज अंसारी मामला: सभी आरोपियों के खिलाफ फिर लगी हत्या की धारा

रांची। झारखंड पुलिस द्वारा तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा हत्या मामले में 11 आरोपियों पर से हत्या की धारा हटाने के आठ दिन बाद बुधवार को फिर से यह आरोप जोड़ दिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा एक नई मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर किया गया है।


अंसारी की जून में कथित चोरी के आरोप में भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। नई मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने बुधवार को सरायकेला-खरसावां जिले में अदालत के समक्ष एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें 11 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 को बरकरार रखा गया है।


राज्य के पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आज सरायकेला-खरसांवा की अदालत में पुलिस ने इन 11 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किये।


इसके अलावा आज ही इस मामले के दो अन्य आरोपियों विक्रम मंडल और अतुल महली के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किये और उनके खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के साथ हत्या की धारा 302 के तहत मामला बनाया गया है।


इससे पहले अपराध विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में तबरेज की मौत का कारण सिर्फ दिल का दौरा पड़ना बताया गया था जिसके आधार पर पुलिस ने इस मामले में पहले 11 आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में हत्या की धारा 302 के स्थान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 लगाई थी जिसका आशय था कि हत्या गैर इरादतन थी।


गौरतलब है कि इस साल 18 जून को झारखंड के सरायकेला-खरसावां में बाइक चोरी के आरोप में भीड़ की पिटाई के एक सप्ताह बाद 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी। पुलिस ने उसकी पत्नी शाइस्ता की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत 13 नामजद लोगों में से 11 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। दो अन्य आरोपियों के खिलाफ अभी भी जांच जारी है।


तबरेज पूना में वेल्डर का काम करता था और घटना के समय अपने गांव आया हुआ था। सरायकेला खरसांवा के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने उस समय बताया था कि इस मामले की जांच में पुलिस ने जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी तो उसमें तबरेज की मौत हृदय गति रुकने के कारण हुई बतायी गयी थी।



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