मध्य प्रदेश बोर्ड के पहली से आठवीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव
- स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं तक के कोर्स को 60 फीसद शिक्षण और 40 फीसद प्रोजेक्ट आधारित पुर्ननियोजित किया
भोपाल। अब सीबीएसई की तर्ज पर मप्र बोर्ड के पहली से आठवीं तक के बच्चे भी हर विषय में प्रोजेक्ट वर्क करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके पाठ्यक्रम में बदलाव कर फिर से पुर्ननियोजित कर दिया है। अब हर विषय में 40 फीसद कोर्स को प्रोजेक्ट आधारित किया गया है, जिसे विद्यार्थियों को गृह कार्य में तैयार करने के लिए दिया जाएगा।
वहीं 60 फीसद कोर्स कक्षा आधारित होगा, जिसे आनलाइन पढ़ाया जा सकता है। यह निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना महामारी को देखते हुए किया है। इस सत्र में अब तक स्कूल नहीं खुले हैं। दीपावली के बाद स्कूल खुलने की संभावना है, लेकिन वो भी सप्ताह में दो से तीन दिन ही बच्चों को बुलाया जाएगा। ऐसे में सिर्फ तीन माह में कोर्स पूरा करना मुश्किल होगा।
इसके लिए विभाग ने पहली से आठवीं तक के 40 फीसद पाठ्यक्रम को गृह कार्य पर आधारित कर दिया है, जिससे विद्यार्थी इसे घर पर ही पूरा करें। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने पाठ्यक्रम को पुर्ननियोजन कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। सभी जिले के स्कूलों में निर्देश जारी कर दिए हैं। बता दें कि सामान्य दिनों में स्कूल 200 या 220 दिन लगते हैं। इस बार 100 से भी कम दिन लगने वाले हैं।
हर पाठ में दो-तीन प्रोजेक्ट
पहली से आठवीं कक्षा में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित आदि सभी विषयों में प्रोजेक्ट होगा। सभी विषयों के हर पाठ में दो से तीन प्रोजेक्ट बनाने के लिए दिया जाएगा। अभी तक 9वीं से 12वीं तक में ही प्रोजेक्ट दिया जाता है।
इस तरह का होगा प्रोजेक्ट का विषय
हिंदी - बाढ़ आने की स्थिति में अपने आस-पास हाेने वाले नुकसान और ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए। पिछले दिनों कहीं भ्रमण पर गए हों तो उसका विवरण लिखिए। वर्षा ऋतु में आप कैसे समय व्यतीत करते हैं, आपके आस-पास कोई जलप्रपात हो तो उसका विवरण लिखिए। आपने कभी किसी की मदद की है तो उसके बारे में लिखिए।
अंग्रेजी - कान्हा किसली में पाए जाने वाले प्राणियों व पक्षियों की सूची बनाएं एवं उनके बारे में लिखें। अपने आसापास लगने वाले हाट-बाजार आदि में दुकानदार कौन-कौन से सामान बेचते हैं, इस पर चित्र बनाकर वाक्य लिखें।
इनका कहना है
वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण स्कूल खुलने की संभावना कम है, इसलिए पहली से आठवीं तक के कोर्स को 60 फीसद कक्षा आधारित और 40 फीसद गृह कार्य के लिए तैयार किया गया है। लोकेश कुमार जाटव, आयुक्त, राज्य शिक्षा केंद्र
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