MP : अनूठी परंपरा - जहां मारने दौड़ता है क्रोधित लंकापति रावण
- सैकड़ों बरस से प्राचीन परंपरा राम और रावण के युद्ध का होता आ रहा है मंचन
(विश्वदीप मिश्रा)
मनावर(धार)। हमारे यहां कई प्रकार की लोक कलाएं प्रचलित हैं। कई लोक कथाएं और लोक कलाएं लुप्त प्राय भी हो चुकी है। लेकिन धार जिले के मनावर में विजयादशमी पर्व के दिन कहार लोडग्या मोहल्ला में लंका ग्रुप द्वारा सैकड़ों बरस पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए पाताल रावण और राम के बीच युद्ध का मंचन किया जाता है। सर्वप्रथम माता पूजन के पश्चात राम और रावण की सेना द्वारा नगर भ्रमण किया जाता है। राम की सेना के साथ महिलाएं व युवतियां गरबा करते हुए चलती है, तो वही रावण की सेना के साथ बच्चे और युवा रावण को चिढ़ाते हुए - हुल्लड़ मचाते हुए शामिल होते हैं और रावण को खूब परेशान करते हैं जिस पर रावण क्रोधित होकर अट्टहास करता हुआ लकड़ी के पट्टे से मारने दौड़ता हैै। उसके बाद दोनों सेनाएं कार्यक्रम स्थल पर पहुंचती है। यहां पहले रावण द्वारा सीता का हरण किया जाता है। इसके बाद लक्ष्मण और मेघनाथ का युद्ध व हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाने का प्रसंग होता है। हंसी ठिठोली के इस अद्भुत खेल में दर्शको और बच्चों - युवा को बहुत मजा आता है। अंत में हनुमान जी द्वारा पाताल रावण के दंभ का अंत किया जाता है। कार्यक्रम में रावण की भूमिका में ओमकार सनी, राम लक्ष्मण रोहित - ओम, सीता आयुष हनुमान ने अपने उम्दा अभिनय द्वारा खूब मनोरंजन किया। कार्यक्रम में लंका ग्रुप के गणेश, लोकेश, धर्मेंद्र, गोपाल, गोलू बिरजू, मोहन व लंका ग्रुप का सहयोग रहा ।कार्यक्रम का संचालन कैलाश डिस्को और आभार व्यक्त ने माना।
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