सभी समाज के दुःख दूर कर रहे एक और बजरंगी भाईजान

(बाकानेर से सैय्यद रिजवान अली की विशेेष रिपोर्ट)


जीता तो हर कोई है यहाँ जिंदगी, जीते है कितने लोग सार्थक जिंदगीी, जीता तो वही है जो दूसरों के लिए जीता है- निमाड़ का पेरिस कहे जाने वाले बड़वानी में भी हैं बजरंगी भाईजान जो हर समाज, हर तबके की सलामती के लिए दीन रात लड़ता है और मदद करता है। यहाँ बात कर रहे हैं हम सादिक चंदेरी की हालाकि इन्होंने अखबारों की सुर्खिया बनना कभी पसंद नही किया। हमारे संवाददाता ने इनके बारे में जानकारी लोगो से लेकर पाठकों तक पहुुंचाने का प्रयास किया है। उनके द्वारा किये जा रहे सामाजिक कार्य को कोई अपना कर प्रेरणा स्त्रोत बने तो वाकई मानव जाति का कल्याण होगा। बताया जाता है कि उनके पिताजी वर्ष 19 8 6 में ह्दयघात से तथा माता जी 200 4 में 5 वर्ष की अपनी बीमारी ब्रोंनमेरो की तकलीफों को बर्दास्त करने में असमर्थ होकर इस दुनिया को छोड़ कर चली गयीं। 4 बहनों और 1 भाई की ज़िम्मेदारी इनके ऊपर आई। और यही से समाज सेवा का ज़ज्बा जागा। समाज के बाहर जब इन्होंने देखा के लोग ज्यादा परेशान हाल है तो हिन्दी फिल्म अवतार के इस गीत "लोगो का गम देखा तो अपना गम भूल गया लोगो के गम के आगे मेरा गम कितना कम है " सूफी संतो की दरगाह और अजमेर शरीफ जाकर लोगो की सेहत के लिए दुआ मांग कर तथा पैगम्बर मोहम्मद साहब द्वारा बताये गये सच्चाई के रास्ते पर चल कर आगे बढ़ रहे हैं। सादिक चंदेरी कहतेे हैं कि पैगम्बर साहब ने कहा था की लोगो को फायदा पोह्चाते रहो एक दीन बड़े आदमी बन जाओगे। फिर क्या था- ना धूप न छांंव, न बारिश- सर्दी, न दीन- न रात देखी और समाज सेवा शुरू कर दी। उनके इस कम में उनकी पत्नी की अहम् भूमिका हैं। अपने दैनिक जीवन के संचालन के लिए टेलरिंग का कार्य करने के साथ भवन के भूखंड खरीदो बेचो का कार्य भी जिम्मेदारी से कर रहे हैं। मध्यप्रदेश शासन की और भारत सरकार की सभी योजनायें उन्हें मूंह जबानी याद है। बड़वानी और आस - पास के जिलों में जो भी उनके संपर्क में आता हैं उसे योजना का लाभ दिलवा रहे हैं। बड़वानी जैसी जगह में शिक्षा और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं लेकर सभी समाज के लोग आते हैं और ये तन - मन - धन से उनकी सेवा करते हैं। सभी लोग इन्हें बजरंगी भाईजान कह कर बुलाते हैं। यूँ तो उन्हें अनेक बार समाज सेवा के लिए विभिन्न संगठनों के द्वारा सम्मानित किया जा चूका हैं। हम तो उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं और यह दुआ करते हैं कि उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों से अन्य लोग प्रेरणा लें, तो सब की मदद निश्चित हो जाएगी। 


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