BHOPAL : हज कमेटी की राह हुई आसान, मिला प्रभारी सीईओ

  • पांच महीने से रुका हुआ है कर्मचारियों का वेतन
भोपाल(ब्यूरो) । अकीदत के सफर को आसान करने वाली संस्था मप्र हज कमेटी की मुश्किलों को ठोर मिलता नजर आ रहा है। करीब पांच माह से बिना अधिकारी चल रही व्यवस्था को दुरुस्त करने की पहल करते हुए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने यहां प्रभारी सीईओ की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। गुरुवार को जारी आदेश में मसाजिद कमेटी के सचिव यासिर अराफात को हज कमेटी का प्रभार सौंपा गया है। 
हज कमेटी के तत्कालीन प्रशानिक अधिकारी दाऊद अहमद खान के सेवानिवृत होने के बाद से यहां की व्यवस्था कर्मचारियों द्वारा ही उठाई जा रही थी। नतीजा यह हुआ कि बिना अधिकार कमेटी के कर्मचारियों का वेतन मिलना मुश्किल हो गया। करीब पांच माह से बनी इस स्थिति से कर्मचारी मुश्किलों से गुजर रहे थे। साथ ही हज से संबंधित जरूरी काम भी रुके हुए थे।
कर्मचारियों को बंधी उम्मीदें
कुछ माह पहले मसाजिद कमेटी में प्रभारी सचिव बनाए गए यासिर अराफात के सामने यहां के काजी, मुफ्ती, ईमाम, मुअज्जिन और कर्मचारियों के रुके हुए वेतन की समस्या थी। उनके प्रयासों का नतीजा यह रहा कि चंद दिनों में अधिकांश लोगों का रुका वेतन उनके बैंक खातों में जमा हो चुका है। बाकी बचे हुए ईमाम मुअज्जिन के वेतन के लिए भी जल्दी ही अनुदान की बाकी राशि जारी होने की उम्मीद की जा रही है। इसी आधार पर हज कमेटी कर्मचारियों को उम्मीद है कि प्रभारी सीईओ की नियुक्ति के साथ उनकी मुश्किलें आसान हो सकती हैं।
पूरा विभाग प्रभारियों के भरोसे
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से जुड़े लगभग सभी विभागों में इन दिनों प्रभार के अधिकारियों के भरोसे ही व्यवस्था चल रही है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग, मप्र वक्फ बोर्ड, राज्य हज कमेटी, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, मसाजिद कमेटी में मुस्लिम अधिकारियों की अरुचि और सेवाएं देने से गुरेज का नतीजा यह है कि इन विभागों की जिम्मेदारी प्रभारी अफसरों के भरोसे ही चल रही है। इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मप्र मदरसा बोर्ड और मप्र उर्दू अकादमी की व्यवस्था भी प्रभार के हाथ में ही हैं।

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