मर्ज नहीं हो रहा नियंत्रित : कुछ दिन आगे सरक सकता है लॉक डाउन...!


  • अभी 3 मई तक, आगे 17 तक बढ़ाने की अटकलें

खान अशु 

भोपाल। रात्रि कालीन कर्फ्यू, साप्ताहिक कर्फ्यू, सप्ताह में दो दिन बंद... फिर लॉक डाउन... जनता कर्फ्यू के बाद भी हालात के हाथ "ढाक के तीन पात" का परचम लहराया हुआ है। 26 से शुरू होने जनता कर्फ्यू की मियाद वैसे तो 30 अप्रैल तक है, लेकिन इसके अगले दो दिन शनिवार और रविवार के साप्ताहिक बंद की स्थिति भी प्रदेश के बड़े शहरों को झेलना है। काबू में नहीं आ रहे हालात बता रहे हैं कि 3 मई के बाद भी लॉक डाउन खुल जाने की ज्यादा उम्मीदें नहीं की जाना चाहिए। इस बार का विस्तार 13 या 17 मई तक जाने के प्रशासनिक इशारे मिलने लगे हैं।

12 अप्रैल की शाम से शहर पर काबिज लॉक डाउन फिलहाल जारी है। पहले 19 और बाद में 26 अप्रैल तक इसकी मियाद तय की गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 अप्रैल के लॉक डाउन की समाप्ति को आगे बढ़ाते हुए 30 अप्रैल तक जनता कर्फ्यू का ऐलान कर डाला है। शुक्रवार को खत्म होने वाली इस अवधि को उंगलियों पर गिन रहे लोगों के लिए निराश करने वाली खबर ये है कि जनता कर्फ्यू खत्म होने के अगले दो दिन शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंद के असर भी बदस्तूर रहने वाले हैं। इसके चलते उम्मीद की जाना चाहिए कि शहर को लॉक डाउन से 3 मई को निजात मिल सकती है।

बढ़ रहे आंकड़े, फिर तैयारी

उच्च प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि शहर और प्रदेश में मौजूदा बिगड़े हालात के चलते फिलहाल लॉक डाउन से मुक्ति मिलना मुश्किल लग रहा है। एक प्रशासनिक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदेश में जारी लॉक डाउन को आगामी 17 मई तक ले जाने की तैयारी है। इसमें अगर कोई रियायत हुई भी तो ये कम से कम 13 मई तक जरूर जाएगा। इसके बाद अगले दो दिन शनिवार और रविवार की पाबंदी के बाद लॉक डाउन से 16 मई को निजात दी जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि इस बारे में ऐलान संभवतः 27 अप्रैल को किया जा सकता है।

उम्मीद इससे बंधी थी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने पिछले उद्बोधन में इस बात पर जोर दिया गया है कि कोई भी प्रदेश लॉक डाउन को सिर्फ अंतिम विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करे। इधर एक मई से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन को लेकर भी उम्मीद थी कि लॉक डाउन से मुक्ति मिल जाएगी। 

निराशा इन बातों से

हालांकि सरकारी आंकड़े लगातार रिकवरी के दावे कर रहे हैं लेकिन शमशान घाट और कब्रिस्तानों के हालात इन दावों को झूठा साबित कर रहे हैं। लोगों द्वारा लॉक डाउन काल में भी एहतियात बरतने से गुरेज करने के कारण भी हालत नियंत्रण में नहीं आ पा रहे हैं।

...और डर इन हालात से

त्योहारों और शादियों के सीजन में लोगों की बाजार दौड़ फिलहाल थमी हुई है। लेकिन अचानक लॉक डाउन खुलने के विपरीत परिणाम आने की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि त्योहारों की मौजूदगी और शादियों के मुहूर्त के चलते लोग बाजार में बढ़ने वाली भीड़ संक्रमण के आंकड़ों को फिर बढ़ा सकती है।

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