एक बेबस पत्रकार की आपबीती : CM के शहर में एक खाली ऑक्सीजन सिलेंडर भी नसीब नहीं..!

आक्सीजन सिलेंडर ले जाते हुए (फाइल फोटो) 

  • पत्रकार ने कमिश्नर, डीएम समेत आला अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से लगाई गुहार, मगर नहीं मिला

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। गोरखपुर जे के 24 / 7 न्यूज के संवाददाता फैयाज अहमद डेढ़ दशक से इस जिले में पत्रकारिता कर रहे है। लेकिन आज एक घटना ने उन्हें झकझोर के रख दिया और आंखें भी खोल दी।आज मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर का आलम यह है कि एक खाली ऑक्सीजन सिलेंडर को पाने के लिए सुबह से लेकर दोपहर तक जिले के तमाम आला अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से बात की । एक खाली ऑक्सीजन सिलेंडर मिल जाए सभी ने हाथ खड़ा कर लिये।

कोरोना महामारी से निपटने के लिए बनाए गए हेल्प डेस्क और सोशल मीडिया पर जारी हेल्पलाइन नंबर दिखावे के रह गए । लोगों की जिंदगियां धीरे-धीरे दम तोड़ रही । 

आज मेरे साथ आप बीती आप सभी को बता रहा हूं वरिष्ठ पत्रकार शकील अहमद के पिताजी को ऑक्सीजन की जरूरत थी जिसको लेकर सबसे पहले में आपदा कार्यालय पहुंचा वहां से सूचना मिली कि कलेक्ट्रेट कचहरी ई डिस्ट्रिक्ट में कोविड हेल्प डेस्क बना हुआ है । वहां से आपको मदद मिलेगी। वहां पर पहुंचने पर कर्मचारियों ने अपने स्तर से खाली ऑक्सीजन सिलेंडर की बात की तो सभी ने हाथ खड़ा कर दिया। फिर मैंने सिर्फ उन नंबरों पर स्वमं एक पत्रकार की हैसियत से बात करके ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए बात की । पहले डॉक्टर मुस्तफा से बात हुई तो उन्होंने कहा कि मेरी ड्यूटी खत्म हो गई है फिर इसके बाद एसडीएम रंजीत जी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत खराब है इसके बाद जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल डायवर्ट कर दिया है कर्मचारी फोन उठाते हैं और कहते हैं कि साहब भ्रमण पर हैं इसके बाद कमिश्नर जयंत नारलीकर को फोन करता हूं तो उनके पी ए फोन उठाते कहते हैं कि साहब मीटिंग में है। उसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर कुलदीप मीना से संपर्क किया गया तो उनका फोन नहीं उठा, सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव को फोन किया तो फोन नहीं उठा उसके बाद तहसीलदार सदर डॉ. संजीव दीक्षित को फोन किया। तो उन्होंने कहा कि खाली सिलेंडर उपलब्ध नहीं है अगर खाली सिलेंडर मिल जाएगा तो उसे भरवा दिया जाएगा, फिर उसके बाद सदर सांसद रवि किशन को फोन किया फोन नहीं उठा। फिर उनकी पीए पवन दुबे को फोन किया जाए उन्होंने कहा कि प्रयास करता हूं। उसके बाद सदर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल को फोन किया उन्होंने परिस्थितियों का हवाला देकर हाथ खड़े कर लिये। ऐसे तमाम लोगों फोन किए गए मगर कहीं से कोई मदद नहीं मिली आज मैं अपने आपको कितना लाचार और बेबस महसूस कर रहा हूं कि मैं मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर का पत्रकार हूं । एक खाली सिलेंडर भी उपलब्ध नहीं करा सकता। सारे संबंध सिर्फ दिखावे के रह गए हैं। परेशानी पड़ने पर कोई साथ नहीं देता।साथियों अब से आप लोग होशियार हो जाइए और सावधानी बरतें अपनी सुरक्षा खुद करिए क्योंकि वक्त पड़ने पर कोई भी मददगार नहीं है आज इसका जीता जागता सबूत मैं खुद हूं जो दिन भर की मेहनत के बाद एक सिलेंडर ऑक्सीजन का भी इंतजाम नहीं करा पाया मुझे इस बात का मलाल जरूर रहेगा कि मैं अपने पत्रकार साथी के पिता की समय रहते मदद नहीं कर पाया ईश्वर से यही प्रार्थना है कि उन्हें स्वस्थ करें। कोरोना वायरस अपना पांव पसार चुका है इसलिए सावधानी बरतें सुरक्षित रहें और अपने परिवार का ध्यान दें ।

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