BHOPAL : अनलॉक से पहले शहर हुआ आजाद
- सड़कों पर दिखी आम दिनों की तरह आवाजाही
भोपाल। अनलॉक में दी जाने वाली छूट को लेकर फिलहाल बैठकों का दौर जारी है। ऐसे में लॉक डाउन के आखिरी दिन सोमवार को शहर की सड़कों पर आमदिनों की तरह चहल-पहल दिखाई देने लगी है। चौराहों पर लगे पुलिस चैकिंग के टेंट हट चुके हैं और अधिकांश स्थानों से पुलिस जवान भी अब रुख्सत हो चुके हैं। हालांकि शहर के मुख्य मार्गों और चौराहों पर बैरिकेट्स अब भी रास्ता रोके खड़े हुए हैं, लेकिन यहां से लोगों का बे रोकटोक गुजर शुरू हो चुका है।
पहली जून से होने वाले अनलॉक के पहले सोमवार को शहर की सड़कें वाहनों से लबरेज दिखाई दीं। इस दौरान पुलिस चैकिंग से बेखौफ हो चुके लोग अपनी जरूरतों के लिए यहां-वहां जाते हुए दिखाई दिए। बाजारों के बंद होने से चौक बाजार, जुमेराती, न्यू मार्केट, एमपी नगर, इब्राहिमपुरा, आजाद मार्केट, मंगलवारा की तरफ लोगों का रुख कम है, लेकिन शहर की मुख्य सड़कों से लोगों की आवाजाही आमदिनों की तरह दिखाई देने लगी है।
हटाए टेंट, चैकिंग भी शिथिल
शहर के अधिकांश चौराहों पर पुलिस द्वारा लगाए गए चैकिंग प्वाइंट खत्म कर दिए गए हैं। पिछले एक माह से चौराहों पर टेंट में बैठकर निगरानी करने वाले पुलिस जवान भी सोमवार को नदारद दिखाई दिए। इस दौरान इक्का-दुक्का चौराहों पर यातायात पुलिस वाहनों की चैकिंग करते दिखाई दिए। इनमें भी बाहर से आने वाले बड़े वाहनों को ही रोककर पूछताछ की जा रही है, जबकि दो पहिया वाहन चालकों को पूरी तरह आजाद छोड़ दिया गया है।
बैरिकेट्स हटें तो आसान हो रास्ता
फिलहाल शहर के मुख्य मार्गों और संकरे इलाकों को जोडऩे वाले स्थानों पर लगाए गए बैरिकेट्स मौजूद हैं। मंगलवार से होने वाले अनलॉक के बाद इनके हटाए जाने की उम्मीद है। बैरिकेट्स से रुके रास्तों की वजह से लोगों को अब भी लंबे रास्तों से गुजर कर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है।
बाजार हो सकते हैं बेकाबू
लॉक डाउन के दौरान भी लोगों की सड़कों पर आवाजाही निरंतर जारी रही है। कहने को बाजारों पर तालाबंदी थी, लेकिन फिर भी पिछले दरवाजों से इन बाजारों से खरीद-फरोख्त का दौर लगातार चलता रहा है। सोमवार को सड़कों पर निकले लोगों को देखते हुए इस बात का अंदाज लगाया जा सकता है कि मंगलवार से शुरू होने वाले अनलॉक के बाद बाजारों के हालात विस्फोटक हो सकते हैं। कई तरह की पाबंदियों के बाद भी लोगों की बाजारों में बढऩे वाली भीड़ सोशल डिस्टेंस की धारणा को धूमिल कर सकती है। फिलहाल चौक-चौराहों पर पुलिस चैकिंग के डर से मॉस्क लगाए दिखने वाले लोगों से भी इस बात की उम्मीद कम ही है कि वे इस आदत को आगे भी बनाए रखेंगे।
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