रेत माफियाओं के आगे नतमस्तक अफसर

रेत खनन की आंखें खोलने वाली तस्वीर 

रेत की निगरानी और अफसर की उगाई का जिम्मा भी माफिया के कर्मचारियों के पास 

✍️खान आशु 

भोपाल। काम नर्मदा के ग्रीन बेल्ट से अवैध खनन रोकने का था। हो रहा है छोटे रेत कारोबारियों से वसूली का काम। रोक लगाने की जिम्मेदारी खनिज विभाग की है, लेकिन सौंप दी गई है रेत माफियाओं के हवाले। अब ग्रीन बेल्ट से होने वाले खनन पर निगरानी भी रेत माफिया रख रहे, छोटे ठेकेदारों से वसूली भी कर रहे हैं और इस उगाई का माकूल हिस्सा खनिज अधिकारी तक भी पहुंचा रहे हैं।

मामला धार जिले की नर्मदा पट्टी पर स्थित मनावर, धरमपुरी और कुक्षी तहसील से जुड़ा है। मां नर्मदा की छाती को छलनी करने में जुटे एक ठेकेदार शिवा कॉरपोरेशन को जिला खनिज अधिकारी एमएस खतोड़िया का ऐसा वृहद हस्त है कि रेत चोरी करने वाले खुद ही छोटे मोटे कारोबारियों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी निभाते नजर आ रहे हैं।

नर्मदा से रेत खनन पर एक नजर

  • एनजीटी ने धार जिले की नर्मदा पट्टी से रेत खनन पर रोक लगा रखी है।
  • नर्मदा बचाओ आंदोलन की याचिका पर अदालत ने भी खनन न करने की हिदायत दे रखी है।
  • धार जिले में सभी तहसीलों और मुनासिब स्थानों से खनन करने का ठेका शिवा कॉरपोरेशन ने ले रखा है। लेकिन उसकी सेवा शर्तों में नर्मदा पट्टी से खनन की अनुमति नहीं है।

खनन रोकने की जिम्मेदारी माफिया को 

  • नर्मदा पट्टी पर खनन की अनुमति नहीं है लेकिन शिवा कॉरपोरेशन ने धरमपुरी और बाकानेर में अपने ऑफिस स्थापित कर रखे हैं।
  • मनावर, धरमपुरी और कुक्षी तहसील में नर्मदा पट्टी पर शिवा कॉरपोरेशन द्वारा लगातार खनन किया जा रहा है। जो पिछले दिनों नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेघा पाटकर और विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने छापेमार में पकड़ा भी है।
  • अवैध खनन रोकने के लिए जिला खनिज अधिकारी कार्यालय द्वारा खनन माफिया शिवा कॉरपोरेशन को हो जिम्मेदारी सौंप दी है। जिसके चलते यहां ट्रालियों और ठेलों से रेत ले जाने वालों पर जुर्माना, सजा और वसूली सब शिवा कॉरपोरेशन के कर्मचारी करते हैं। 

खनिज विभाग क्या कर रहा

  •  खनिज विभाग को की जाने वाली शिकायतों का जवाब, खनन नहीं हो रहा है, मिलता है। इसके निरीक्षक अधिकारियों से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक पर झूठी रिपोर्ट पेश कर देते हैं।
  •  9 जून को की गई छापेमार कार्यवाही मेघा पाटकर और विधायक हीरालाल अलावा द्वारा की गई थी, विभाग ने इसे अपनी कार्यवाही बताया। कार्यवाही के दौरान न कोई गिरफ्तारी हुई, न कोई दोषी करार दिया गया और न ही रेत या मशीनों की जब्ती ही दर्शाई गई।
  • मामले को लेकर हल्ला मचा तो खनिज विभाग ने करीब 30 डंपर लगा कर रेत खनन माफिया शिवा कॉरपोरेशन के ऑफिस पर ही डंप करवा दी।

बंदरबांट में सब साथ-साथ 

छापेमारी, दिखावे की जब्ती और कागजी खानापूर्ति के बाद धरमपुरी और बाकानेर में शिवा कॉरपोरेशन के दफ्तर आबाद हैं। यहां मौजूद कर्मचारी नर्मदा पट्टी पर खुद खुदाई से जरूर रुक गए हैं लेकिन यहां से चलने वाली ट्रालियों से इनका वसूली अभियान जारी है। शासकीय खजाने की बजाए ठेकेदार के पॉकेट में जाने वाली राशि की बंदरबांट में जिला खनिज अधिकारी एमएस खतोडिया और उनके विभाग के कर्मचारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। 

भोपाल पहुंचा रेत का मामला 

नर्मदा पट्टी से बेरहमी के साथ निकाली जा रही रेत का मामला अब राजधानी भोपाल पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक विधायक डॉ हीरालाल अलावा इसकी शिकायत के लिए भोपाल पहुंचे हैं। वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विभागीय मंत्री के अलावा खनिज विभाग के सामने अवैध खनन की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने वाले हैं। 

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