मुश्किल में मरीज : डायरेक्टर छुट्टी पर, प्रभारी घर पर, लावारिस बीएमएचआरसी
✍️ खान आशु
भोपाल। राजधानी में गैस पीड़ित मरीजों को राहत देने वजूद में लाया गया भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल इन दिनों मुश्किलों का सफर कर रहा है। डायरेक्टर छुट्टी पर गई हुई हैं। अपने पीछे व्यवस्था सम्हालने के लिए पाबंद कर गईं प्रभारी घर से काम करने का फरमान सुना चुके हैं। मुश्किल में दफ्तर की वह फाइलें और काम आ गए हैं, जिनको किसी आपातकालीन स्थिति में एक जिम्मेदार की आवश्यकता होती है।
सूत्रों के मुताबिक भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल की डायरेक्टर प्रभा देसकंद बुधवार शाम से कुछ दिनों के अवकाश पर चली गई हैं। उनकी गैर मौजूदगी में अस्पताल की व्यवस्था सम्हालने का जिम्मा डॉ अनुराग यादव को सौंपा गया है। गुरुवार से शुरू होने वाली इस नई व्यवस्था को झटका तब लगा, जब डॉ यादव ने इस बात का फरमान जारी कर दिया कि वे अस्पताल के दफ्तर में आकर काम करने की बजाए सारी फाइलें अपने घर से ही निपटाएंगे। अस्पताल न आने के लिए उनका तर्क क्या है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। लेकिन बिना डायरेक्टर और प्रभारी अधिकारी के कई जरूरी कामों की तालाबंदी जरूर हो गई है।
रुके कई जरूरी काम
सूत्रों का कहना है डायरेक्टर या प्रभारी के जिम्मे आपातकाल की कई व्यवस्थाएं होती हैं। स्टॉक में अनुपलब्ध दवाओं की तत्काल खरीदी से लेकर तत्काल किसी जांच के लिए अन्य अस्पताल भेजे जाने का मामला डायरेक्टर के अधिकार क्षेत्र में ही होता है। लेकिन डायरेक्टर या प्रभारी के न होने से ये काम रुके हुए हैं।
मरीज कहां लगाएं गुहार
अस्पताल स्टॉफ के स्तर पर होने वाले कामों के लिए विभागीय कर्मचारी देर से ही सही लेकिन प्रभारी अधिकारी के हस्ताक्षर ला सकते हैं। लेकिन अपनी किसी समस्या के तात्कालिक तौर पर डायरेक्टर से मुलाकात के मरीजों या उनके परिजन के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। वजह यह है कि मरीज को न बदली व्यवस्था की जानकारी है, न उसको प्रभारी के आवास की जानकारी और न ही प्रभारी अधिकारी के घर में जाकर अपनी बात कह पाने की इजाजत।
संपर्क से बाहर जनसंपर्क
भोपाल मेमोरियल अस्पताल में आने वाले मरीजों, परिजनों या अन्य जरूरतमंदों की सहायता के लिए दो जनसंपर्क अधिकारी नियुक्त हैं। लेकिन एक पीआरओ हितेश पुरोहित किसी भी व्यक्ति का कॉल रिसीव करने के लिए उपलब्ध नहीं होते। जबकि दूसरे जनसंपर्क प्रभारी मजहर उल्लाह खान को अस्पताल के किसी भी मामले की कोई भी जानकारी ही नहीं होती। वे जवाब देने में यह औपचारिकता भी नहीं निभाते कि इस बारे में जानकारी लेकर उपलब्ध करवा देंगे।
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