सकारात्मक पहल : ऑनलाइन लर्निंग लायसेंस से प्रफुल्लित हैं युवा आवेदक


  • 'परिवहन विभाग' की पारदर्शी प्रक्रिया बनीं आवेदकों की 'सारथी'

भोपाल। परिवहन विभाग मध्यप्रदेश द्वारा लगभग दो माह पूर्व प्रारंभ की गई एक सार्थक एवं सकारात्मक पहल प्रदेश के युवाओं को बहुत रास आ रही है। विभाग की इस पहल से युवा आवेदक बहुत ही प्रफुल्लित हैं। इसका कारण है विभाग की सरल प्रक्रियाएं। दरअसल परिवहन विभाग द्वारा अगस्त 2021 से आवेदकों को लर्निंग लायसेंस प्रदाय करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को फेसलेस एवं ऑनलाइन कर दिया गया है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा आधार प्रमाणीकरण के आधार पर परिवहन सेवाओं को फेसलेस रूप में प्रदाय करने की अधिसूचना मार्च 2021 में जारी करने के पश्चात, विभाग ने मध्यप्रदेश में फेसलेस सेवाएं प्रदान करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है।

मध्यप्रदेश के परिवहन आयुक्त मुकेश जैन और अपर आयुक्त (प्रवर्तन) अरविंद सक्सेना ने बताया कि अगस्त 2021 में ऑनलाइन लर्निंग लायसेंस सेवा का शुभारम्भ परिवहन मंत्री  गोविन्द सिंह राजपूत  के वर्चुअल उपस्थिति के साथ 2 अगस्त को किया गया था। सेवाएं प्रारम्भ होने से अब तक 1,01,389 आवेदकों ने ऑनलाइन मोड में लर्निंग लायसेंस के लिए आवेदन किया है। इनमें 92,123 ने ऑनलाइन टेस्ट दिया, जिसमें से 81,605 आवेदकों ने टेस्ट पास कर लर्निंग लायसेंस प्राप्त कर लिया है। जिन आवेदकों ने ऑनलाइन प्रक्रिया से अपने लर्निंग लायसेंस प्राप्त किए हैं,उन्होंने इस प्रक्रिया के कई स्पष्ट लाभ भी बताए। ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस प्रक्रिया के आवेदकों को सबसे बडी संतुष्टि इस बात की है कि उनके द्वारा दिए गए विवरण में कोई भी लिपिकीय त्रुटि होने से व्यक्तिगत विवरण में कोई गलती नहीं हो सकती। क्योंकि सारथी साफ्टवेयर द्वारा आवेदक का पूर्ण विवरण आधार पोर्टल से सीधे प्राप्त किया जाता है।

समय एवं पैसे की हो रही बचत 

लर्निंग लायसेंस के आवेदकों ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया से समय एवं पैसे की बहुत बचत होती है। अब उन्हें आवेदन करने के लिए अपने कार्यालय या व्यवसाय से छुट्टी नहीं लेनी पड़ती। क्योंकि वे उसके लिए आवेदन सुबह, शाम, दिन रात अपने घर पर से लैपटॉप, कम्प्यूटर या मोबाइल के माध्यम से कर सकते हैं। परिवहन आयुक्त के अनुसार आरटीओ कार्यालय से दूर रहने वालों ने इसे समय की बचत के अतिरिक्त पेट्रोल/डीजल में खर्च होने वाली बचत को भी महत्वपूर्ण बताया। दूरस्थ अंचल के कई आवेदकों को आरटीओ कार्यालय तक पंहुचने में तीन-चार सौ रूपये बस किराये के देने पड़ते थे, जो अब बच रहें हैं।

आरटीओ कार्यालय की लाइन में नहीं पड़ता लगना 

परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने बताया कि लर्निंग लायसेंस की प्रक्रिया का सुविधाजनक हो जाना भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। अब आवेदकों को आरटीओ कार्यालय की लाइन में नहीं लगना पड़ता, न कागजों की फोटोकॉपी आदि करने की परेशानी। प्रक्रिया का पारदर्शी हो जाना सबसे बड़ा लाभ है जो आवेदकों ने महसूस किया। ऑनलाइन प्रक्रिया में आवेदक को प्रत्येक चरण पर पता रहता है कि क्या उसका आवेदन पूर्ण है ? क्या फीस जमा हो चुकी है ? क्या वह टेस्ट में पास हो गया है ? इसलिए ऑनलाइन लर्निंग की प्रक्रिया में आवेदक को अपने आवेदन पत्र की अद्यतन स्थिति पर अनिश्चिता नहीं रहती।

50 हजार से अधिक केंद्र में मिलेगी सुविधा  

परिवहन आयुक्त श्री जैन के अनुसार विभाग की सभी सुविधाओं का लाभ उठाते हुए 81,605 ओवदकों ने पिछले दो माह से भी कम समय में लर्निंग लायसेंस प्राप्त किए हैं। परिवहन विभाग ने एक बैठक लेकर कॉमन सर्विस सेन्टर तथा एमपी ऑनलाइन के प्रभारियों से भी अनुरोध किया है कि प्रदेश भर में फैले हुए उनके 50,000 से अधिक केन्द्रो पर ऑनलाइन लर्निंग लायसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया को शीघ्र प्रदान करें ताकि दूरस्थ अंचलों के आवेदकों को आवेदन करने में सुगमता हो सके।

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