आलमी तबलीगी इज्तिमा : कलेक्टर का जवाब, अभी हालात ठीक नहीं !


भोपाल।
दो साल से लगातार टल रहे आलमी तबलीगी इज्तिमा के आयोजन को लगातार तीसरे साल भी ठोर मिलता नजर नहीं आ रहा है। इज्तिमा प्रबंधन कमेटी के साथ हुई जिला प्रशासन की बैठक में कलेक्टर ने कोविड हालात के दुरुस्त न होने के चलते फिलहाल इसको टालने की हिदायत दी है। दूसरी तरफ अगले महीने होने वाले इस आयोजन के लिए तैयारियां जोरों से जारी हैं। शहर भर से वालंटियर्स की टीम इज्तिमागाह पहुंचकर विभिन्न कामों को अंजाम दे रही हैं।

सूत्रों का कहना है कि 75वेंआलमी तबलीगी इज्तिमा के आयोजन के लिए पिछले दिनों जिला प्रशासन और प्रबंधन कमेटी की बैठक हुई है। प्रबंधन कमेटी ने आयोजन को सादगी, कम संख्या में मौजूदगी और कोविड गाइडलाइन के पालन के साथ इज्तिमा आयोजन करने का प्रस्ताव रखा है। कार्यक्रम के दौरान जमा होने वाली जमातियो की संख्या को देखते हुए कलेक्टर अविनाश लावणिया ने इसके लिए फिलहाल माकूल समय न होने की बात कही है। उनका कहना है ऐसे हालात में, जब कोविड हालात पुनः पसार रहे हैं, बड़ी भीड़ वाला आयोजन करना उचित नहीं है। उन्होंने इज्तिमा आयोजन के लिए उचित समय का इंतजार करने के लिए कहा है। बैठक में इज्तिमा प्रबंधन कमेटी के इकबाल हफीज, अतीक उल इस्लाम आदि जिम्मेदार मौजूद थे।

समुदाय में बढ़ रही बेचैनी

कोविड हालात के चलते लगातार दो साल से टल रहे इज्तिमा आयोजन के तीसरे साल भी घेरे में लिए जाने को लेकर मुस्लिम समुदाय में बेचैनी बढ़ने लगी है। राजधानी भोपाल के मुदस्सिर अली खान का कहना है कि को हालात को दुरुस्त बताते हुए सभी बड़े और भीड़ वाले आयोजन की अनुमति दी जा रही है। धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक कार्यक्रम धड़ल्ले से हो रहे हैं लेकिन इज्तिमा के नाम पर कोविड हालात का हवाला दिया जाना उचित नहीं है। इंदौर के हिदायत उल्लाह शेख कहते हैं कि शहर, सूबे, देश और दुनिया की बेहतरी के लिए दुआएं किए जाने वाले आयोजन से किस तरह का खतरा हो सकता है। इस तरह के आयोजन से अच्छे परिणाम आने की उम्मीद की जाना चाहिए। बुरहानपुर के रफी अहमद कहते हैं कि नवंबर माह में ही प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी सभा होने वाली है, जिसमें लाखों लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। ऐसे में इज्तिमा आयोजन पर लगाई जाने वाली पाबंदी अनुचित है।

सबकी निगाहें मुख्यमंत्री की तरफ

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने पहले कार्यकाल से लेकर आयोजन के आखिरी साल तक इसमें रुचि लेते रहे हैं। आयोजन की तैयारियों का जायजा लेने से लेकर इज्तिमा में आने वाले उलेमाओं से दुआएं लेने तक वे इज्तिमागाह पहुंचते रहे हैं। जिला प्रशासन से मिलने वाले निराशाजनक जवाब के बाद अब मुस्लिम समुदाय की उम्मीदें मुख्यमंत्री से लगी हुई हैं। शहर के कांग्रेस विधायक और इज्तिमा प्रबंधन भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर इस बारे में चर्चा करने वाले हैं। 

इनका कहना है

कलेक्टर से हुई मीटिंग के दौरान कहा गया है कि फिलहाल किसी बड़े आयोजन के लिए मुनासिब वक्त नहीं है।

अतीक उल इस्लाम, प्रवक्ता, इज्तिमा प्रबंधन कमेटी


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