उत्कृष्ठ शिक्षा पर लापरवाही का पलीता : ग्रामीण क्षेत्र के वेतन पर हो गया शहर का कब्जा

शिक्षा के अधिकार पर ताला (प्रतिकात्मक तस्वीर) 

भोपाल।
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता और उत्कृष्ठता के अल्प साधनों पर भी शहरी व्यवस्थाओं का कब्जा होता जा रहा है। आदिवासी अंचल के एक छोटे स्कूल में मौजूद शिक्षा संसाधन को शहरी इलाके में ट्रांसफर कर दिया गया है। आदिवासी विकास विभाग के इस फैसले ने देहाती विद्यार्थियों के शिक्षा अधिकार पर ताला लगा दिया है।


जानकारी के मुताबिक ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में उत्कृष्ठ शिक्षा मुहैया कराने की मंशा के साथ आदिवासी विकास विभाग, भोपाल द्वारा उत्कृष्ठ शिक्षकों की पदस्थापना की है। वर्ष 2017 में की गई इस नियुक्ति के दौरान आदिवासी बाहुल्य जिले धार की मनावर तहसील के बाकनेर में भी एक वरिष्ठ व्याख्याता का पद सृजित किया गया था। लेकिन इसके चुने गए शिक्षकों को बड़े शहरों में पदस्थापना दे दी गई। जबकि इनका वेतन आहरण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बाकानेर के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से आहरित किया जा रहा है। करीब चार सालों से जारी इस व्यवस्था के दौरान बाकानेर को दूसरा उत्कृष्ठ शिक्षक भी प्राप्त नहीं हो पाया है।

रह गई शिक्षा की कसक

सूत्रों का कहना है कि बाकानेर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से वेतन आहरित कर इंदौर में सेवाएं देने वाली वरिष्ठ व्याख्याता शीला गुप्ता को लेकर भोपाल मुख्यालय ने आदेश जारी किए हैं। जिसके चलते जिला अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। लेकिन इस व्यवस्था के चलते ग्रामीण क्षेत्र को मिलने वाली सुविधा बाधित हो गई है। बाकानेर में स्वीकृत पद की सेवाएं इंदौर में दिए जाने के कारण बाकानेर में उत्कृष्ठ शिक्षक का पद पूर्ण हो गया है। इसके चलते यहां अन्य नियुक्ति के रास्ते बाधित हो गए हैं।

विधायक ने की आपत्ति

बाकानेर के विद्यालय में पदस्थ शिक्षक इंदौर के हिस्से में जाने पर क्षेत्रीय विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इंदौर जैसे बड़े शहर में शिक्षा के लिए कई बड़ी सरकारी और निजी संस्थाएं मौजूद हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं की कमी है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनी योजनाओं पर शहरी इलाकों को फायदा दिया जाना उचित नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र की सुविधाएं लौटकर शहर के लिए पृथक से व्यवस्था की जाना चाहिए।

इनका कहना है

वरिष्ठ व्याख्याता शीला गुप्ता की नियुक्ति बाकानेर न हो होकर इंदौर पीजीटी में ही है। सिर्फ वेतन आहरण उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाकानेर से किया जा रहा है।

सुप्रिया बिसेन,सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास


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