तहजीब की प्रशंसा के लिए जुटेंगे प्रदेशभर के साहित्यकार

 डॉ अंजुम बाराबंकवी को पुस्तक भेंट करते हुए पत्रकार गण 

भोपाल।
शहर भोपाल की एक अलग तहजीब और एक अलग संस्कृति है। यहां के रस्म ओ रिवाज, बोलचाल, जीवनशैली भी इस शहर को देश दुनिया से अलग मुकाम पर रखती है। नवाबों, झीलों, खूबसूरत वादियों और सुकून के इस शहर के विभिन्न रंगों को संजोती एक पुस्तक तहजीब का विमोचन पिछले दिनों भोपाल में हुआ है।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ मेहताब आलम द्वारा लिखित इस पुस्तक पर समीक्षात्मक प्रशंसा के लिए एक आयोजन नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम आयोजक साहित्यिक संस्था तहजीब के डॉ अंजुम बाराबंकवी ने बताया कि कार्यक्रम में पुस्तक तहजीब को लेकर प्रदेशभर के वरिष्ठ साहित्यकार अपनी प्रतिक्रिया रखेंगे। इस दौरान तहजीब में शामिल किए गए विभिन्न अध्यायों पर भी विस्तार से बात की जाएगी। डॉ बाराबंकवी ने कहा कि आयोजन स्वराज संस्थान में आयोजित होगा। इस दौरान कार्यक्रम को पूरी तरह पुस्तक और उसकी बात करने पर केंद्रित रखने के लिए किसी अतिथि की औपचारिकता नहीं रखी जायेगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान पुस्तक के लेखक डॉ मेहताब आलम भी खास तौर पर मौजूद रहेंगे। वे श्रोताओं और पाठकों को किताब लिखने के अपने अनुभव शेयर करेंगे।

पहला एडिशन हुआ खत्म, दूसरे के लिए भी लोग उत्साहित

पिछले माह विमोचन के बाद परिदृश्य पर आई पुस्तक तहजीब का पहला एडिशन पाठकों तक पहुंच चुका है। इसकी प्रति हासिल करने के लिए पाठकों और जिज्ञासु लोगों द्वारा लगातार डॉ मेहताब आलम से संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसका दूसरा संस्करण जल्दी ही बाजार में मौजूद होगा। बुधवार को पुस्तक तहजीब की प्रति तहजीब संस्था के डॉ अंजुम बाराबंकवी को भेंट की गई। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार कमर गौस, फरहान खान, मोहसिन खान, खान आशु आदि मौजूद थे।

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