ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड : मसूद फिर कार्यकारिणी में, मदनी और नकवी उपाध्यक्ष, रहमानी महासचिव चुने गए


  • देश भर के उलेमाओं और सियासी हस्तियों के बीच आरिफ मसूद के कामों को सराहा

भोपाल। मजहबी मामलों को आगे रखकर सियासत को आगे बढ़ाने की महारत रखने और दिल में कोम का जज्बा रखने की खासियत ने भोपाल विधायक आरिफ मसूद को एक बार फिर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में जगह दिलाई है। वे रविवार को कानपुर में घोषित की गई नई कार्यकारिणी में भी बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं। नई कार्यकारिणी में मौलाना सैयद अरशद मदनी और प्रो सैयद अली मोहम्मद नकवी को बोर्ड का उपाध्यक्ष चुना गया है। जबकि मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी महासचिव चुने गए हैं।

कानपुर में शनिवार से शुरू हुई ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की 27वी बैठक में कार्यकारिणी का चुनाव किया गया। इस दौरान बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी को पुनः अध्यक्ष चुन लिया गया है। इधर बोर्ड में शामिल कुछ पदाधिकारियों के इंतकाल होने के बाद खाली हुई जगहों को भरने के लिए पहली बार दो उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। इन पदों पर जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रो सैयद अली मोहम्मद नकवी को चुना गया है। इसी तरह बोर्ड के महासचिव पद पर मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी चुने गए हैं।

बैठक में शामिल होने पहुंचे आरिफ मसूद ने बताया कि बैठक खासतौर कार्यकारिणी चुनाव के लिए ये बैठक आयोजित की गई थी। दो दिन की इस बैठक में कमेटियों की रिपोर्ट पेश की गई। 

मसूद का बढ़ रहा कद

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में शामिल देश भर के उलेमाओं और सियासी हस्तियों के बीच आरिफ मसूद के कामों को सराहा जा रहा है। उनके द्वारा लगातार कौम की खिदमत के लिए किए जाने वाले कामों और उनकी मुश्किलों पर उठाई जाने वाली आवाज का ही नतीजा है कि मसूद को बोर्ड की कार्यकारिणी में दोबारा शामिल किया गया है। गौरतलब है कि पिछली बार मसूद ने भोपाल में बोर्ड बैठक भी आयोजित करवाई थी। जिसमें बोर्ड के सभी पदाधिकारियों ने शिरकत की थी।

Comments

Popular posts from this blog

बुरहानपुर में बवाल : दरगाह का ताला तोड़कर अंदर घुसे हिंदू संगठन के कार्यकर्ता, हनुमान जी की प्रतिमा होने का दावा, चोला चढ़ा कर किया हनुमान चालीसा का पाठ

धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर मामले में नया मोड़ : कमिश्नर और कलेक्टर को हाईकोर्ट की अवमानना का नोटिस

नप गए SDM, तीन महीने की जेल और 25000 जुर्माना:आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला