आपदा प्रबंधन : खुद बचने लायक हो जाएं, दूसरों को बचा सकते हैं..!


  • राजधानी में दो दिवसीय प्रशिक्षण शाला शुरू, सिखाए जा रहे आपदा में बचाव के गुर

भोपाल। आमतौर पर किसी दुर्घटना के शिकार को सबसे लेटाने की कोशिश की जाती है... सांप के काट लिए जाने पर उसको बैठाकर या चलाकर जहर फैलने से बचाया जाता है... या किसी डूबते व्यक्ति को बचाने में किसी नए इंसान की जान खतरे में आ जाती है....। बाढ़, भूकंप, आगजनी जैसे अन्य आपदा के हालात में जरूरी है एक प्रशिक्षित व्यक्ति की, जो अपने उचित प्रबंधन से जनहानि को रोक सके। अन्यथा किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति से खुद के साथ दूसरे नुकसान के हालात बन सकते हैं।

आपदा प्रबंधन को लेकर राजधानी भोपाल में दो दिवसीय प्रशिक्षण शाला की शुरुआत शनिवार को हुई। इस दौरान आगजनी, डूबने की घटना, बाढ़, भूकंप जैसे हालात में रखी जाने वाली सावधानियां समझाई गईं। साथ ही इस दौरान किए जाने वाले व्यवहारिक और मुनासिब तरीकों और बारीकियों को भी बताया गया।

राजधानी के मौलाना बरकत उल्लाह एजुकेशन सोसायटी कैंपस में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में एसडीईआरफ की टीम ने मौखिक और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम सामाजिक संस्था सोसायटी फॉर ब्राइट फ्यूचर द्वारा आयोजित किया गया है। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण के पहले दिन आमिर जमाल, खुर्शीद अहमद, मयंक सेन, सुनील अहिरवार, सैयद अली, मकबूल अहमद ने प्रशिक्षण दिया। शिविर के दूसरे दिन रविवार को आमिर जमाल, रणदीप जग्गी, साजिद खान अलग-अलग विषय पर ट्रेनिंग देंगे। आयोजन के सहयोगी बरकत उल्लाह एजुकेशन सोसायटी के हाजी मोहम्मद हारून ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर समेत प्रदेश भर के ट्रेनीज हिस्सा ले रहे हैं।

Comments

Popular posts from this blog

भोपाल में रूह कंपा देने वाली घटना का पर्दाफाश : ससुराल वालों ने महिला को 16 साल से बनाया बंधक, मादा कंकाल में बदला जिन्दा शरीर

बुरहानपुर में बवाल : दरगाह का ताला तोड़कर अंदर घुसे हिंदू संगठन के कार्यकर्ता, हनुमान जी की प्रतिमा होने का दावा, चोला चढ़ा कर किया हनुमान चालीसा का पाठ

नप गए SDM, तीन महीने की जेल और 25000 जुर्माना:आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला