मध्य प्रदेश कांग्रेस में अल्पसंख्यक नेताओं की अदला-बदली क्या गुल खिलाएगी, पंचायत चुनाव में नैया पार लगाएगी?
- मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी की प्रदेश में जमावट क्या पार्टी में जान फूंक पाएगी?
✍️राजनीतिक संवाददाता
भोपाल । कांग्रेस की ठहरी हुई सियासत में बदलाव का दौर जारी है। कई घमासान के बीच अब अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया गया है। मालवा क्षेत्र में ही बदली गई इस जिम्मेदारी में बुजुर्ग और अनुभवी नेता को एक युवा लेकिन पुराने कांग्रेसी से बदला गया है।राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस बदलाव का फायदा पार्टी को पंचायत चुनाव में मिल सकता है या फिर केवल संगठन में संतुलन की कवायद है?
अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार जारी किए आदेश में प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के मप्र अध्यक्ष पद पर इंदौर के शेख अलीम को नियुक्त किया है। इससे पहले ये जिम्मेदारी मालवांचल के ही धार निवासी एडवोकेट मुजीब कुरैशी के पास थी। कुरैशी पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करीबी माने जाते हैं और उनकी सेवाओं के लिहाज से उन्हें पार्टी में उच्च पद मिलने की संभावना थी। लेकिन तत्कालीन अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष मोहम्मद सलीम की आकस्मिक मृत्यु के बाद पार्टी ने उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी थी। मुजीब कुरैशी ने पार्टी की सेवा के दौरान सबसे बड़ी आहुति अपने युवा पुत्र कामरान मुजीब की मौत के रूप में दी थी। पार्टी कार्य करते हुए आसाम दौरे के दौरान वे बीमार हुए और उनकी मृत्यु हो गई।
मुजीब कुरैशी को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी |
मुजीब कुरैशी इस गहरे सदमे के साथ भी पार्टी गतिविधियों में सक्रिय थे। वर्तमान में वे प्रदेशभर में आजादी की लड़ाई में शामिल योद्धाओं को लेकर एक कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। ऐसे में अचानक उनकी जिम्मेदारी किसी अन्य को स्थांतरित कर दिया जाना सियासी गलियारों में हलचल मचाने जैसा है।
नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए शेख अलीम छात्र राजनीति से कांग्रेस के लिए समर्पित रहे हैं। इंदौर के आजाद नगर क्षेत्र से पार्षद पद पर सेवाएं देने के अलावा वे पार्टी के कई पदों पर भी काबिज रहे हैं। युवाओं में खासी पैंठ रखने वाले अलीम की सामाजिक छवि मजबूत मानी जाती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने के साथ ही बनने लगे थे आसार
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर कुछ समय पहले उप्र के मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी को पाबंद किया गया है। उनकी नियुक्ति के साथ ही उन्होंने मप्र की राजधानी भोपाल में जिला अध्यक्ष के पद पर चौधरी वाहिद अली की सीधी नियुक्ति कर दी थी। प्रदेश अध्यक्ष मुजीब कुरैशी को इस बारे में जानकारी न देना और उनसे इस बारे में सलाह न लिया जाना इस बात का इशारा कर चुका था कि ये ट्यूनिंग लम्बे समय तक नहीं चल पाएगी।
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