सेहत में भी सियासत : बीमारी के लिए भी भाजपाई होना जरूरी, कांग्रेस विधायकों की सिफारिशें हो रहीं रद्दी
✍️ राजनीतिक संवाददाता
भोपाल। प्रदेश में लागू की जाने वाली सरकारी योजनाओं पर सभी बाशिंदों का अधिकार है। लेकिन मप्र में संचालित योजनाओं के लाभ के लिए आवेदक का भाजपाई होना (या भाजपा नेता द्वारा अनुशंसित होना) जरूरी है। प्रदेशभर से भोपाल आने वाले राज्य बीमारी सहायता योजना के आवेदनों की दशा यही बता रही है। कांग्रेस विधायकों द्वारा हर दिन अनुशंसा कर भेजे जा रहे आवेदनों पर लंबे समय तक न तो निर्णय लिया जा रहा है और न ही इनके रिजेक्शन या स्वीकृति की सूचना आवेदक को दी जा रही है।
सूत्रों का कहना है प्रदेश के कांग्रेस विधायकों द्वारा अनुशंसित किए जा रहे राज्य बीमारी सहायता योजना के आवेदनों पर विभाग द्वारा तवज्जो नहीं दी जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक अकेले राजधानी से ही हरदिन करीब 50 आवेदन उचित सहायता की प्रत्याशा में अनुशंसित किए जाते हैं। इनमें गंभीर बीमारियों से लेकर जरूरी सर्जरी वाले आवेदन शामिल होते हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है पिछले कई महीनों से विभाग ने इन आवेदनों पर कोई राशि जारी नहीं की है। सूत्र बताते हैं कि नियमानुसार आवेदन पहुंचने के एक या दो दिन में संबंधित अस्पताल या परिजन को सहायता राशि जारी करने का प्रावधान है। लेकिन कांग्रेस विधायकों की अनुशंसा वाले आवेदन पर कई दिनों तक कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। अधिकांश मामलों में यह स्थिति बन रही है कि मरीज के अस्पताल से छुट्टी हो जाने के बाद उसको सूचना दी जाती है कि उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया है।
बन रही विकट स्थिति
मुख्यमंत्री राज्य बीमारी सहायता योजना से मदद मिलने की उम्मीद में परिजन उधार लेकर या अस्पताल की खुशामद कर अपने मरीज का इलाज करवा लेते हैं। लेकिन ऐन वक्त पर उनके आवेदन पर लगने वाली अस्वीकृति की मोहर उनके सामने विकट स्थिति खड़ी कर देते हैं। कई बार मरीजों की छुट्टी या इलाज के दौरान किसी मरीज की मौत हो जाने पर उसकी डेड बॉडी हासिल करना भी परिजन के लिए मुश्किल भरा हो जाता है।
विश्वास सबसे आगे
राजधानी भोपाल में बीमारी सहायता हासिल करने के लिए एक अचूक रामबाण मंत्री विश्वास सारंग की सिफारिशी चिट्ठी हो गई है। सूत्रों का कहना है कि यहां सबसे ज्यादा और सबसे तेज कार्यवाही सारंग की अनुशंसा पर ही की जा रही है। जबकि इसके विपरीत राजधानी में मौजूद कांग्रेस विधायकों आरिफ अकील, पीसी शर्मा और आरिफ मसूद के भेजे गए आवेदन विभाग में पहुंचकर रद्दी हो रहे हैं।
क्या है योजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के वासियों के लिए राज्य बीमारी सहायता योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश के लोगों को बीमारी हो जाने पर अथवा किसी मुख्य बीमारी हो जाने पर राज्य बीमारी सहायता योजना मध्यप्रदेश की तरफ से मुख्यमंत्री सहायता कोष मध्यप्रदेश से देशवासियों को सहायता दी जाएगी। इस योजना के तहत राज्य बीमारी सहायता योजना से राज्य के BPL परिवारों से और जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग परिवारों को बीमारी सर्जरी की स्थिति होने पर सरकार की तरफ से 2 लाख से लेकर 2.5 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। ताकि किसी गंभीर बीमारी हो जाने पर राज्य मध्य प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री सहायता कोष से इस योजना से सहायता लेकर अपना इलाज करा सकें।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री राज्य बीमारी सहायता योजना का राजनीतिकरण हो गया है। अनुशंसा कर भेजे जा रहे आवेदनों पर लंबे समय तक विचार नहीं किया जाता है और बाद में उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है। मैंने मुख्यमंत्री से इस मामले में चर्चा के लिए समय मांगा है। उनसे निवेदन किया जाएगा कि किसी जरूरतमंद बीमार को उसके सियासी विचारधारा से न जोड़ा जाए। बल्कि प्रदेश की योजनाओं का लाभ एक समान सभी को दिया जाए।
- आरिफ मसूद, कांग्रेस विधायक
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