नए कानून से पहले : कजियात में लगा मेला, हर रोज सैंकड़ों निकाह
भोपाल। विवाह उम्र बंधन को लेकर लागू होने वाले नए कानून को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। पहले से तारीख तय कर कर चुके लोग अब इस असमंजस में दिखाई दे रहे हैं कि वे कानून की अवहेलना के गुनाहगार न बन जाएं। राजधानी स्थित कजियात में निकाह पंजीयन कराने वालों की हर दिन बड़ी भीड़ जुट रही है। ये वे लोग हैं, जो नया कानून लागू होने से पहले निकाह करवाना चाहते हैं।
जानकारी के मुताबिक पिछले तीन चार दिनों में कजियात में करीब 800 से ज्यादा निकाह पंजीयन हुए हैं। यहां हर दिन सौ से डेढ़ सौ तक पंजीयन कराए जा रहे हैं। कई लोग ऐसे भी पहुंच रहे हैं, जो तत्काल निकाह कराने की नीयत रखते हैं।
निकाह अभी, विदाई बाद में
सूत्रों का कहना है कि निकाह पंजीयन कराने पहुंचने वाले लोगों में अधिकांश ऐसे हैं, जिन्होंने शादी के लिए अगले कुछ महीनों में आयोजन तय किया था। लेकिन नया विवाह एक्ट लागू होने के चलते इन लोगों ने कार्यक्रम में तब्दीली कर ली है। ये नया एक्ट लागू होने से पहले निकाह करवाना चाहते हैं। विवाह के बाकी फंक्शन ये पूर्व निर्धारित समय और शादी हॉल की बुकिंग के अनुसार ही करेंगे।
फरवरी तक बंधन नहीं : मसूद
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि विवाह उम्र बंधन कानून अभी पास नहीं हुआ है। ये बिल पार्लियामेंट के फरवरी में होने वाले सत्र में लागू हो सकता है। ऐसे में किसी जल्दबाजी या घबराहट की जरूरत नहीं है। जिन बच्चियों की उम्र 18 वर्ष हो चुकी है, उनके निकाह नियमानुसार फरवरी तक आसानी से हो सकते हैं।
नई पीढ़ी नहीं करती कम उम्र में शादी : काजी अजमत
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड अध्यक्ष काजी अजमत शाह मक्की कहते हैं कि बदले जमाने में लड़कियां अपनी पढ़ाई और कैरियर पर ध्यान दे रही हैं। ऐसे में वे खुद ही कम उम्र में शादी करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी खुद की बेटियां फिलहाल पढ़ाई कर रही हैं और उन्होंने 23 साल की उम्र होने तक शादी पर चर्चा करने से इंकार कर दिया है।
दिया जाना चाहिए समय : नफीस
ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के अब्दुल नफीस का कहना है कि कई लोग ऐसे होते हैं कि अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव में हैं या किसी बीमारी से ग्रसित हैं, वे अपने जीवन काल में बच्चों की शादी होते देखने की ख्वाहिश रखते हैं। ऐसे लोगों के लिए नए कानून में रियायत दी जाना चाहिए।
मुस्लिम ही फिक्रमंद क्यों : मुशाहिद सईद
सीनियर सहाफी मुशाहिद सईद खान कहते हैं कि नए कानून को लेकर मुस्लिमों द्वारा दिखाई जाने वाली बेचैनी समझ से परे है। कानून हर धर्म समाज के लिए समान है। बाल विवाह जैसे हालात मुस्लिम समुदाय से ज्यादा अन्य धर्मों में है।
अभी नहीं कोई आदेश : अराफात
मसाजिद कमेटी के प्रभारी सचिव यासिर अराफात ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में निकाह पंजीयन की तादाद में अचानक इजाफा हुआ है। लोगों की जल्दबाजी और घबराहट निर्थारक है। उन्होंने कहा कि अभी उम्र बंधन को लेकर कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। नए आदेश के आने पर उसके मुताबिक व्यवस्था दुरुस्त की जायेगी और निकाह पंजीयन में निर्धारित उम्र का पालन करवाया जाएगा।
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