खुशियां ऐसी भी : शहर में बढ़ रहा गरीब बच्चों के साथ सालगिरह मनाने का चलन
भोपाल। खुशियां बांटने से कम नहीं होती, बल्कि इनमें इजाफा ही होता है। गरीब, जरूरतमंद और उपेक्षित समुदाय के लोगों के बीच जाकर अपना कोई खास दिन मनाया जाए तो इससे इस दिन का महत्व बढ़ जाता है। इस एक कर्म को ईश्वर अपने चरणों में विशेष महत्व के साथ रखते हैं, वहीं जरूरतमंद लोगों को उनकी अपेक्षा से हटकर कोई चीज मिल जाने से आने वाली दुआएं भी जीवन में सकारात्मक परिणाम लाती है।
राजधानी भोपाल के नवीन मालवीय भी उन विशेष लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी खुशियां समाज के उपेक्षित लोगों के साथ मनाने की दिशा में कदम उठाया है। नवीन का कहना है कि जन्मदिन को उल्लास से मनाने के लिए हजारों रास्ते हैं। परिजन, रिश्तेदारों, दोस्तों और ताल्लुक के हजारों लोगों को जुटाया जा सकता है और खुशियों के लाखों दीपक जलाए जा सकते हैं। लेकिन असल खुशी वह है, जो जरूरतमंदों के साथ बांटी जाए। नवीन बताते हैं कि उन्होंने अपनी सालगिरह पर बाबा नगर शाहपुरा भोपाल में नन्हें-मुन्ने बच्चों के साथ समय व्यतीत किया और महसूस किया कि इस प्रयोग का मजा ही कुछ अलग है। उन्होंने बताया कि नन्हे - मुन्ने बच्चों को कोरोना काल के चलते मास्क वितरण किया गया। साथ ही शिक्षा को महत्व देते हुए बच्चों को कॉपी एवं पेन बांटे गए। इस अवसर पर नवीन के साथ शहर की होनहार आर्टिस्ट पूजा प्रजापति, स्वच्छता एंबेसेडर सैयद फैज़ अली आदि भी मौजूद थे।
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