इस गुंडागर्दी के खिलाफ क्यों नहीं होती मकान तोड़ने की कार्यवाही : हाजी हारून
- धर्म और संस्कृति के नाम पर प्रदेश में गुंडागर्दी करने वाले सरकार को कर रहे बदनाम
- ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनके खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में की जाए कार्यवाही
भोपाल। किसी एक कमजोर और निहत्थे इंसान को भीड़तंत्र द्वारा पीटना कहां की बहादुरी है। ये सीधी गुंडागर्दी है और सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ दोहरा रवैया अपना रही है। एक तरफ छोटी छोटी बातों पर किसी का मकान तोड़ दिया जाता है, दूसरी तरफ किसी की सार्वजनिक पिटाई करने पर भी गुनाहगारों को आजाद छोड़ दिया जाता है। धर्म और संस्कृति के नाम पर ये लोग सरकार को बदनाम करने वाले लोग हैं, जिसका नुकसान आने वाले दिनों में सरकार को हो सकता है।
रतलाम जिले में बोहरा समुदाय के एक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई करने और उसके मजहबी निशानी को अपमानित करने पर नाराजगी बढ़ रही है। राजधानी भोपाल में जमीयत उलेमा हिंद के हाजी मोहम्मद हारून ने कहा कि प्रदेश में गुंडागर्दी बढ़ती जा रही है लेकिन प्रशासन पक्षपात भरी कार्यवाही कर रही है। जिस व्यक्ति को पेशाब करने के नाम पर पीटा गया, उसके हालात को नजरंदाज किया जा रहा है। जहां ये गुंडाई की गई है, वहां पेशाबघर गंदगी से भरा हुआ था। बाहर कचरे के ढेर लगे रहते हैं। जिसके कारण बोहरा समुदाय के इस व्यक्ति को पेशाब करते हुए देखकर कुछ स्वयंभू संस्कृति रक्षकों ने कानून अपने हाथ में लेकर बेतहाशा पिटाई कर दी। पुलिस ने खानापूर्ति के लिए मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। जबकि यही हालात किसी दूसरे धर्म के साथ होते तो मामले कुछ और बनाए जाते। इससे पहले उज्जैन, रतलाम और प्रदेश के अन्य शहरों में मामूली मामलों में लोगों के घर घिरा दिए गए हैं। हाजी हारून ने कहा कि देश में गाय को लेकर दो तरह के कानून चल रहे हैं। कुछ राज्यों में गाय का मांस सार्वजनिक तौर पर बेचा जा रहा है। जबकि कहीं गाय के खिलाफ तिरछी नजर कर लेना भी गुनाह हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौशाला के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है, लेकिन माता का दर्जा दिए जाने वाली गाय बदहाली का शिकार हो रही हैं। हाजी हारून ने कहा कि धर्म और संस्कृति के नाम पर प्रदेश में गुंडागर्दी करने वाले सरकार को बदनाम करने वाले लोग हैं। जरूरत है कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए और इनके खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में कार्यवाही की जाए।
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