सीएम हेल्पलाइन हो गई खिलौना: दो अधिकारी बना रहे फुटबॉल, दो महीने से हो रही टालमटोल


भोपाल।
सीएम हेल्पलाइन की अवधारणा और इसकी गंभीरता को अधिकारियों ने खिलौना बना दिया है। मनमर्जी के तर्क और शिकायत को लंबा खींचने के फेर में नियमों की धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही हैं। इंदौर के ऐसे ही दो अफसरों ने एक शिकायत को फुटबॉल बना दिया है। दो माह से ये शिकायत कभी इसके पाले में होती है तो कभी उसके। इन दो महीनों में दोनों अधिकारियों ने न तो सीएम हेल्पलाइन के पटल पर जवाब पेश किया है और न ही शिकायत की गंभीरता मानकर दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही ही की है।

सूत्रों का कहना है कि माह दिसंबर 2021 में सीएम हेल्पलाइन पर इंदौर के निजी कॉलेजों की अनियमितताओं को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। नियम विरुद्ध किराए के भवन में संचालित इन कॉलेजों में 3 उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित हैं और एक का संबंध चिकित्सा शिक्षा विभाग से है। बताया जा रहा है कि कार्यवाही इसको करना है या उस अधिकारी को, का हवाला देकर लगातार दो महीने से शिकायत को इधर से उधर किक मारी जा रही है।

इनके जिम्मे है जांच 

दस साल से अधिक समय से किराए के भवन में संचालित हो रहे कॉलेजों में दो कॉलेज एनी बेसेंट और साईं बाबा कॉलेज एक ही प्रबंधन द्वारा संचालित हैं। जबकि एक अन्य कॉलेज एलेक्सिया कॉलेज एक कांग्रेस विधायक से जुड़ा हुआ है। इस अनियमितता की जांच के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ सुरेश टी सिलावट को पाबंद किया है। जबकि शिकायत में शामिल एक नर्सिंग कॉलेज की अव्यवस्थाओं को जांचने के लिए डॉ पीएस ठाकुर को जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन दोनों ही अधिकारियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पटल पर कोई जवाब देने की बजाए एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हुए कार्यवाही से बचा जा रहा है।

अफसरों को सब पता है

सूत्रों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी डॉ सुरेश टी सिलावट और चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े डॉ पीएस ठाकुर इंदौर और इससे लगे जिलों में स्थित कॉलेज की अव्यवस्थाओं से पूरी तरह वाकिफ हैं। बावजूद इसके इनके द्वारा आपसी लेनदेन की वजह से कोई सख्ती या अनुशासनात्मक कार्रवाई कॉलेज संचालकों के खिलाफ नहीं की जा रही है।

इनका कहना है

कॉलेजों का नियम पालन न करना बड़ी गलती है। अधिकारी इन पर कार्यवाही न करते हुए सीएम हेल्पलाइन को गुमराह करने की खता भी कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा। नियम न मानने वाले कॉलेजों के खिलाफ निलंबन और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मोहन यादव, मंत्री, उच्च शिक्षा

अधिकारियों द्वारा अगर नियमों के विरुद्ध चलने वाले कॉलेजों को प्रोत्साहित किया जा रहा है तो ये अफसर अपने कर्तव्य से बेईमानी कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

विश्वास सारंग, मंत्री, चिकित्सा शिक्षा

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