खिदमत से मिलता है खुदा : महबूब की बहादुरी को सराहा, पीएचक्यू ने किया सम्मान
भोपाल। पटरियों के बीच फंसी एक लड़की को बचाने के लिए जान की बाजी लगाने वाले मेहबूब की बहादुरी की तारीफ और प्रशंसा हर तरफ की जा रही है। कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा उन्हें सम्मानित करने की कड़ी में शनिवार को पीएचक्यू में पुलिस अधिकारियों ने भी मेहबूब का सम्मान किया।
मामला शुक्रवार का है, जब राजधानी भोपाल के बरखेड़ी इलाके में रेलवे ट्रैक से गुजर रही एक लड़की अचानक माल गाड़ी के नीचे आ गई। किसी हादसे के होने से पहले वहां मौजूद एक कार पेंटर मेहबूब ने अपनी जान की बाजी लगाकर ट्रेन के नीचे छलांग लगा दी। करीब 24 डिब्बों की माल गाड़ी गुजरने तक वह लड़की को दबोचकर पटरी पर लेटा रहा। मेहबूब की सूझबूझ और तत्काल लिए गए निर्णय का असर ये हुआ कि पूरी मालगाड़ी ऊपर से गुजर जाने के बाद भी लड़की को एक खरोंच तक नहीं आई।
सराहे गए मेहबूब
दिल दहलाने वाला ये मंजर जिसने भी देखा, वह दिल थामकर पूरी गाड़ी गुजरने का इंतजार करता रहा। जब सबने ये नजारा देखा कि पूरी माल गाड़ी गुजर जाने के बाद भी लड़की पूरी तरह सुरक्षित है, लोगों ने मेहबूब के इस काम की तारीफ की। हालांकि हादसे के बाद घबराए लड़की के परिजन और खुद लड़की को इस बात का होश भी नहीं रहा कि वे मेहबूब की इस दरियादिली के लिए उनका शुक्रिया अदा कर सकें। मामले की जानकारी मिलने के बाद सामाजिक संस्था बीबीएम के शोएब हाशमी और साथियों ने मेहबूब के घर पहुंचकर उनका सम्मान किया।
पीएचक्यू ने भी सराहा
मेहबूब की इस बहादुरी की जानकारी पीएचक्यू तक पहुंची तो पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को मेहबूब को बुलावा भेजा। बड़ी संख्या में मौजूद अधिकारियों ने मेहबूब के साहस की तारीफ की और उनका सम्मान किया। इस मौके पर अधिकारियों ने कहा कि जनसेवा और सुरक्षा पुलिस का कर्तव्य है, लेकिन कई जगह साहसी लोग आमजन की सेवा करने में हाजिर रहते हैं। ऐसे लोगों का सम्मान जरूरी है। ताकि बाकी लोगों को भी इससे प्रोत्साहन मिल सके।
खिदमत से मिलता है खुदा
कार पेंटर का काम करके अपनी परिवार का पोषण करने वाले मेहबूब कहते हैं कि खिदमत से खुदा मिलता है। कोई मौका मिले और किसी की खिदमत की जा सके तो हर इंसान को खुद को आगे कर इस काम को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तेजी से बदल रही खुदगर्जी की दुनिया में छोटी सी कोशिश भी बड़ी दलील पेश कर सकती है।
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