लोकतंत्र का सम्मान नहीं कुर्सी जाने का विलाप कर रही कांग्रेस : BJP प्रदेश अध्यक्ष शर्मा
✍️राजनीतिक संवाददाता
भोपाल। कांग्रेस और उसके नेताओं ने ना तो कभी लोकतंत्र का सम्मान किया है ना ही संविधान के प्रति उनकी आस्था रही है। एक ही परिवार की तानाशाही से चलने वाली इस पार्टी ने संवैधानिक तरीकों से चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करने में भी संकोच नहीं किया है। लोकतंत्र के नाम पर कांग्रेस जो ढोंग कर रही है वास्तव में यह उसकी लोकतंत्र के प्रति आस्था नहीं बल्कि कुर्सी छिन जाने का विलाप है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही ।
कांग्रेस ने देश में 105 बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को कुचला
श्री शर्मा ने कहा कि लंबे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस ने देश में 105 बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को कुचलने का काम किया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इन सरकारों की बर्खास्तगी का आधार कोई देश या लोकतंत्र की भलाई नहीं था बल्कि कांग्रेस नेतृत्व ने अपने अहंकार की तुष्टि और छोटी-छोटी असहमतियों से खिन्न होकर इन सरकारों को बर्खास्त किया था। 1975 में तो कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र के सीने पर ऐसा घाव दिया है जिसकी पीड़ा हमेशा महसूस की जाती रहेगी। श्री शर्मा ने कहा कि जो कमलनाथ लोकतंत्र की दुहाई देकर अपनी सरकार जाने का मातम मना रहे हैं उस समय वह भी उस मंडली के सदस्य थे जिसने देश में आपातकाल लगाने की वकालत की थी।
सिंधिया जी और उनके साथियों ने किया लोकतंत्र पर उपकार
श्री शर्मा ने कहा कि मैं प्रदेश की जनता को इस बात की बधाई देता हूं कि आज ही के दिन उसे एक ऐसी सरकार से मुक्ति मिली थी जो अराजकता , कुशासन और भ्रष्टाचार की प्रतीक बन गई थी। संविधान और लोकतंत्र को धता बताते हुए उस सरकार का संचालन पर्दे के पीछे बैठे हुए लोग कर रहे थे और हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला था। अपराधी और माफिया बेलगाम हो गए थे। यहां तक कि उस सरकार के मंत्री और कांग्रेस विधायक भी अपने ही नेताओं पर इन गुंडों और माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे थे। ऐसे में सिंधिया जी और उनके साथियों ने उस सरकार से मुक्ति दिलाकर वास्तव में प्रदेश और लोकतंत्र पर उपकार ही किया है जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं।
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