शब-ए-बारात : मस्जिदों, ख़ानक़ाहों में होंगी सामूहिक दुआएं


भोपाल।
शब-ए-बारात का पवित्र इस्लामी पर्व श्रद्धा एवं भक्तिपूर्ण माहौल में परम्परागत ढंग से 18 मार्च को मनाया जाएगा। सभी मस्जिदों, ख़ानक़ाहों, दरग़ाहों, इमामबाड़ों, आस्तानों, कब्रस्तानों और क़रबला में जाकर लोग फ़ातेहाख़्वानी कर इबादत करेंगे तथा विश्व शांति सदभाव के साथ-साथ देश की खुशहाली, तरक्की के लिए खुसूसी विशेष दुआएँ भी की जायेंगी।

ऑल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के प्रदेश महासचिव क़ाज़ी सैयद अनस अली चिश्ती ने बताया कि शब-ए-बारात पर रात में सभी मुस्लिम बंदे मस्जिदों और अपने घरों में शब-बेदारी कर इबादत करेंगे और दरग़ाहों, क़ब्रस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों एवं परिजनों की कब्रों पर दरूद फ़ातेहा पढ़ेंगे और वहॉं से लौटकर अपने-अपने मोहल्लों की मस्जिदों में ख़ुसूसी इबादत करने सहित नफ़िल नमाज़ें (विशेष नमाज़) और कुरान पाक पढ़ेगे। शब-ए-बारात में अनेक मुस्लिम पुरूष सारी रात ज़िकरे इलाही कर इबादत करेंगे और महिलाएॅं और बच्चे भी घरों में कुरआन पाक की तिलावत कर इबादत करेंगे और यह सिलसिला अलसुबह तक जारी रहेगा। अनेक घरों में सेहरी,अफ्तारी और रोज़ा रखने का भी एहतेमाम किया जाएगा।

शबे बारात की फ़ज़ीलत के बारे में डॉ. खुर्रम मियां चिश्ती ने बताया कि इस्लामी मत अनुसार शब-ए-बारात फ़ैसलों की रात मानी जाती है। इस रात में अल्लाह पाक हर व्यक्ति की दुआ को कु़बूल करता है और उसके गुनाहों को माफ़ कर देता है, जो व्यक्ति भी अल्लाह पाक से जो कुछ भी मांगता है, उसे इस रात में मिल ही जाता है। यह भी बताया जाता है कि इस रात में फ़रिश्ते दुनिया के सभी बन्दों का साल भर का आमालनामा यानी लेखा-जोखा भी अल्लाह पाक़ के समक्ष पेश करते हैं, जिस पर अल्लाह पाक़ अपनी कुदरत से फ़ैसले फ़रमाता है और बंदो को खुशहाली, तंदरूस्ती और इनाम, दौलत, सेहत की नेमतों, रहमतों से नवाज़ता है।

उन्होंने बताया कि शब-ए-बारात के मौके़ पर देश भर के करोडों मुस्लिम भाईयों द्वारा अक़ीदत और ईमान के साथ इस साल भी यहॉं इस पर्व को परम्परागत ढंग से मनाते हुए अपने घरों में मीठा हलवा, खीर, मिठाई इत्यादि पक़वान बनाकर फ़ातेहाख़्वानी करके ग़रीबों, भूखों, मोहताज़ों, विकलांगों को तक़सीम करेंगे तथा दरग़ाहों पर और कब्रस्तानों में फ़ातेहाख़्वानी के भी आयोजन होंगे। उन्होंने बताया कि अनेक मस्जिदो, ख़ानक़ाहों, दरग़ाहों, इमामबाड़ों पर रोशनी चिरागां भी किया जाएगा तथा ग़रीबो, मोहताजों को मस्जिदों, दरग़ाहों, इमामबाड़ों और कब्रस्तानों पर गरीबों को ख़ैरात भी बांटी जायेगी। जबकि अनेक लोग रायसेन म प्र में स्थित महान सूफ़ी हज़रत ख्वाजा मुईनऊददींन हसन ग़रीब नवाज़ चिश्ती अजमेंरी र.अ. के जानशीन भान्जे हज़रत ख़्वाजा शरफ़उददीन पीर फ़तेहउल्ला शाह चिश्ती र.अ. की प्राचीन दरग़ाह शरीफ़ पर फ़ातिहाख़्वानी और ज़ियारत करने के लिए भी जायेंगे और रात भर इबादत करने के बाद सुबह वापस अपने-अपने घरों पर लौटेंगे। डॉ. खुर्रम चिश्ती ने सभी देशवासियों से शबे बारात का परमपरागत त्यौहार अक़ीदत के साथ सद्वभावपूर्वक मनाने की अपील की है।

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