हिजाब : मसूद बोले सिर ढांकना लड़कियों के लिए जरूरी, फैसले को दी जाएगी चुनौती


  • नरोत्तम बोले, अदालत का मान रखा जाना चाहिए

भोपाल। हिजाब मामले को लेकर आए कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को लेकर मप्र की सियासत गर्म दिखाई देने लगी है। जहां कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। वहीं गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने लोगों से अदालत के फैसले को स्वीकार करने की सलाह दी है।

मंगलवार को हिजाब को लेकर आए कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर मप्र में सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। हालांकि प्रदेश में न तो हिजाब को लेकर किसी तरह की पाबंदी लगाई गई है और न ही यहां इस पर कोई विवाद है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि लड़कियों के लिए सिर ढंक कर रखना लाजमी बताया गया है। लेकिन इस्लाम ने इसको लेकर कोई सख्ती या अनिवार्यता करार नहीं दी है। इस लिहाज से ये लड़कियों को अधिकार है कि वे अपनी सहूलियत से सिर ढांके या नहीं। उन्होंने कहा कि जिस दलील के साथ हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की है, वह उचित नहीं है। मसूद ने कहा कि फिलहाल उन्होंने पूरा फैसला देखा नहीं है, लेकिन ये देश के कानून की व्यवस्था और हर नागरिक का अधिकार है कि वह किसी निचली अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं है तो वह अपनी बात लेकर उच्च न्यायालय में अपनी बात रख सकता है। मसूद ने कहा कि हिजाब मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जाएगा। इधर गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा कि अदालत ने फैसला दिया है, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। वे बोले कि देश में तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले किसी भी बात को इश्यू बनाकर अपना राग अलापते रहते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव से पहले हिजाब मामले को हवा देने वालों की असलियत अब लोगों के सामने आ चुकी है, उन्हें अब ऐसे मामलों से बचना चाहिए।

कश्मीर फाइल्स पर भी मतभेद

कश्मीरी पंडितों को केंद्र में रखकर बनाई गई फिल्म कश्मीर फाइल्स को लेकर भी भाजपा कांग्रेस आमने सामने है। डॉ मिश्रा का इस बारे में कहना है कि जब कश्मीर में हिंदुओं पर अत्याचार हुआ था, तब खामोशी थी। लेकिन अब वही बातें सामने आ रहीं हैं तो उसको नफरत की कहानी बताया जा रहा है। इसको लेकर विधायक मसूद ने कहा कि फिल्मों का निर्माण पैसा कमाने के लिए किया जाता है। इनमें सच और हकीकत को जगह कम ही मिल पाती है। जिस तरह का दौर चल रहा है, उसमें नफरत आसानी से बेची जा सकती है, इसलिए फिल्मकारों ने अपनी कमाई के लिए झूठ का पुलिंदा तैयार किया और उसको आसानी से बेचने में कामयाब भी हो गए।


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