प्रदेश में चल रहा दोहरा कानून, पत्थर और पत्थर में है फर्क


  • कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा डीजीपी के पास, बोला इंसाफ हो

भोपाल। मप्र में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है। यहां जंगल राज जैसे हालात बन गए हैं। लचर सरकार खुद दंगों के सहारे आगे घिसटना चाह रही है। लालच में डूबी सरकार साजिशों को अंजाम देने में जुटी है। ये स्थिति न प्रदेश के लिए अच्छी है और न ही यहां की जनता के लिए।

मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने ये बात कही। वे मंगलवार को डीजीपी से मिलकर खरगोन मामले पर अपना विरोध दर्ज कराने पहुंचे थे। इस मौके पर यादव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार साजिशों के दम पर आगे बढ़ना चाहती है। इसीलिए वह जगह जगह नफरत फ़ैलाने में जुटी है। यादव ने कहा कहा कि प्रदेश में दो तरह के कानून प्रचलन में हैं। एक कानून आम जनता के लिए और दूसरा सरकार एवम खास लोगों के लिए है। हर जाति, धर्म, वर्ग और व्यक्ति के लिए अलग अलग कानून यहां चल रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी असफलताओं से छटपटाई हुई सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए तरह तरह के प्रपंच रचने में लगी हुई है। 

मसूद बोले जनता इस दोगलाई के लिए माफ नहीं करेगी

विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि एक अजीब तरह का कानून है। रात को कोई मामला होता है, सुबह फैसला भी दे दिया जाता है। न कोई शिकायत, न जांच, न कोई गवाह और न कोई सुबूत। संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली ये सरकार कानून का मखौल उड़ाते हुए अपने कदम आगे बढ़ा रही है। मसूद ने कहा कि भाजपा के पाप का घड़ा भर गया था। जिसके परिणाम जल्दी सामने आएंगे। इन्हीं सब से घबराई हुई सरकार ऊल जलूल कामों में लग गई है, जिससे आम आदमी हर दिन आहत हो गया है। इस मौके पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा, सैयद साजिद अली, रवि सक्सेना आदि मौजूद थे।

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