लापरवाही के हालात : फीस दुगुनी, परीक्षाएं अधूरी, मार्कशीट के लिए लंबा इंतजार


भोपाल।
मप्र मदरसा बोर्ड परीक्षाओं की अवधारणा पर लापरवाही का पलीता लगता जा रहा है। इस बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित करने वाले राज्य ओपन स्कूल ने मनमानी कर मदरसा बोर्ड को बंद कराने के कगार पर पहुंचा दिया है। पहले से आधी परीक्षाओं के परिणाम समय पर नहीं आ पा रहे हैं। इसके इन परिणामों की अंकसूची जारी करने में कई कोताहियाँ की जा रही हैं।

राज्य ओपन स्कूल द्वारा मदरसा छात्रों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। गौरतलब है कि मप्र मदरसा बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं की उर्दू माध्यम की परीक्षाएं वर्ष 2001 से वर्ष में दो बार राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित की जाती रही हैं। पिछले साल 2021 में कोविड महामारी का दंश झेलने के बाद मदरसा छात्रों को राज्य ओपन स्कूल के द्वारा यकायक परीक्षा शुल्क में दोगुनी वृद्धि कर दी गई। दोगुना शुल्क लेने के बावजूद भी जून 2021 की परीक्षा हेतु आवेदन करने वाले छात्रों की परीक्षा 5 माह पश्चात दिसम्बर 2021 में आयोजित की गई । लेकिन राज्य ओपन स्कूल द्वारा उक्त छात्रों की अंकसूचियां परीक्षा परिणाम घोषित होने के लगभग 3 माह भी पश्चात भी अब तक प्रेषित नहीं की गई हैं। जिसके कारण कई छात्र-छात्राएं जिनका नीट एवं अन्य परीक्षाओं में चयन हो गया है अंकसूची के अभाव में प्रवेश निरस्त होने के स्थिति बन गई है।

विद्यार्थियों का आरोप है कि मदरसा बोर्ड की छवि धूमिल करने के प्रयास किये जा रहें हैं, ताकि मदरसा बोर्ड से कोई छात्र परीक्षा में सम्मिलित न हो। वर्ष 2021 से मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं वर्ष में 2 बार आयोजित होती आ रही हैं, राज्य ओपन द्वारा मदरसा छात्रों के साथ भेदभाव किया जाकर न तो समय पर परीक्षाएं आयोजित की जा रही है न ही समय पर अंकसूचियां समय पर जारी की जा रही हैं।

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