विवाद दो पक्षों में तो कार्यवाही एकतरफा क्यों : डीएसपीआई


भोपाल।
पुलिस प्रशासन अपना दायित्व भूल गया है और सरकार अपना कर्तव्य और राजधर्म भूले बैठी है। एक सुनियोजित साजिश के तहत हुए हमले को उपद्रव और दंगों का नाम दिया जा रहा है। सियासत की गंदगी अब एकतरफा कार्यवाही करते हुए मुस्लिम समुदाय को कुचलने पर आमादा है।

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया मध्य प्रदेश के महासचिव डॉ. मुमताज कुरैशी ने बुधवार को राजधानी में आयोजित पत्रकारवार्ता में ये बात कही। उन्होंने कहा कि खरगोन या सेंधवा मामला कोई आकस्मिक घटना नहीं है, बल्कि ये पूरी तरह से पूर्व नियोजित साजिश के तहत किया गया हमला है। उन्होंने कहा इसकी शुरुआत कपिल मिश्रा ने दिल्ली से खरगोन आकर कर दी थी। उन्होंने भड़काऊ भाषण बयान दिया और रामनवमी जुलूस में शामिल लोगों को मुसलमानों के घरों में घुसकर मारने के लिए उकसाया।

एडीपीआई पदाधिकारियों ने कहा कि शिवराज सिंह सरकार के लिए अब सिर्फ एक ही काम बचा है, कि प्रदेश में मुसलमानों के मकान ध्वस्त करके सत्ता चलाई जाए। उन्होंने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि पुलिस की मौजूदगी में एक मस्जिद पर पथराव किया गया। बावजूद इसके खरगोन प्रशासन मुसलमानों से बदले लेने की भावना के तहत उनके मकान दुकान तोड़ रहा है। डॉ मुमताज ने कहा कि इस मामले में सबसे ज्यादा जिम्मेदार खरगोन का स्थानीय प्रशासन और इसके अधिकारी हैं, जिन्होंने निर्धारित मार्ग से अलग जाकर जूलूस में एक समुदाय विशेष के प्रति आपत्तिजनक नारों का उपयोग करने पर भी उपद्रवियों को रोका नहीं गया। 

एसडीपीआई ओहदेदारों ने डीजीपी को एक ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि दंगाइयों से ज्यादा प्रशासनिक अधिकारियों पर मुकदमे चलना चाहिए, जो विवादित क्षेत्र में जूलूस निकालने की अनुमति देते हैं। उन्होंने डीजीपी से कहा कि जब विवाद दो पक्षों का है, तो एक ही पक्ष की गिरफ्तारियां क्यों हो रही है? एक ही समुदाय के लोगों के मकान क्यों तोड़े जा रहे हैं।

अंग्रेजों से भयवाह रूप

डॉ मुमताज ने कहा कि प्रदेश में जनता से जिस तरह का व्यवहार में सरकारी अत्याचार शामिल हो गया है, उसने अंग्रेजों द्वारा किए गए दमन को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार का बुलडोजर अभियान हमारी न्यायपालिका को चुनौती देने जैसा है। सरकार का ये आचरण सड़क पर फैसले करने जैसा है। एसडीपीआई इन हालात को लेकर अदालत का दरवाजा खटखाएगी।

एसडीपीआई ने खरगोन मामले को लेकर उठाए सवाल - 

 1. दोनों समुदाय के त्यौहार एक साथ होने पर शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए दोनों समुदाय के लोगों की बैठक क्यों नहीं की गई?

2. अगर मीटिंग ली तो जो हालात बने उसकी जिम्मेदारी किसकी है?

3. मुस्लिम क्षेत्र में रैली निकालने की अनुमति किसने दी?

4. डीजे पर आपत्तिजनक भजन बजाने की अनुमति किसने दी? और इनको रोकने की कोशिश क्यों नहीं की गई?

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