यह भी खूब रही : दिन में डीजीपी ने की तारीफ, रात को रिश्वत लेते धरा गया एसआई


✍️क्राइम रिपोर्टर 

भोपाल। सीहोर जिले के श्यामपुर थाना प्रभारी एसआई अर्जुन जायसवाल की डीजीपी सुधीर सक्सेना ने दिन में जमकर तारीफें की थी, वही थाना प्रभारी रात में रिश्वत लेते हुए धरा गए। लोकायुक्त की टीम ने उन्हें एवं उनके साथी होमगार्ड सैनिक अजय मेवाड़ा को 25 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। हालांकि खबर लिखे जाने तक न तो उन्हें निलंबित किया गया था और न ही कहीं पर अटैच किया गया था। थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल एक चोरी गई बोलेरो गाड़ी की रिपोर्ट लिखने के एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। बताया जा रहा है कि एसआई एवं श्यामपुर थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल पर पहले भी रिश्वत के गंभीर आरोप लग चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें महत्वपूर्ण थाने में पदस्थ करके रखा गया था।

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को डीजीपी सुधीर सक्सेना ने सीहोर जिले के श्यामपुर का औचक निरीक्षण किया था। औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने श्यामपुर थाने सहित थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल की तारीफें भी की थीं, लेकिन थाना प्रभारी अपनी तारीफ ज्यादा देर तक नहीं पचा पाए और रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के हाथों चढ़ गए। एसआई अर्जुन जायसवाल फरियादी भागीरथ जाटव से उनकी चोरी गई बोलेरो गाड़ी की रिपोर्ट लिखने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहे थे। फरियादी भागीरथ जाटव ने लोकायुक्त को शिकायत करते हुए बताया था कि वह सीहोर का ही रहने वाला है। कुछ दिनों पहले उसकी बोलेरो गाड़ी चोरी हो गई थी। चोरी की शिकायत कराने वह श्यामपुर थाने गया था, लेकिन वहां उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, बल्कि उसे धमकाया भी गया। बाद में कहा गया कि अगर केस दर्ज कराना है तो 25 हजार रुपए लगेंगे। फरियादी ने बताया कि वह 25 हजार देने के काबिल नहीं था, वह सप्ताह भर थाने के चक्कर काटता रहा, लेकिन किसी ने भी उसकी बात नहीं सुनी। अंत में उसने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की।

ऐसे पकड़ाए एसआई और उनके साथी

सूत्रों ने बताया कि फरियादी भागीरथ जाटव की शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने प्लानिंग की और दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम तैनात की। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने फरियादी को 25 हजार रुपए दिए एवं थाने भेजा। जब भागीरथ जाटव थाने पहुंचा और एसआई अर्जुन जायसवाल को पैसे देने लगा तो एसआई ने कहा कि वह राशि अजय मेवाड़ा को दें। इसके बाद फरियादी जाटव ने रिश्वत की राशि अजय मेवाड़ा को दे दी। भागीरथ जाटव पैसे देकर चला गया, इसके बाद एसआई अर्जुन जायसवाल एवं होमगार्ड सैनिक अजय मेवाड़ा मिले तो अजय मेवाड़ा ने पैसे एसआई अर्जुन जायसवाल को दे दिए, तभी लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

नहीं हो रहा है मुख्यमंत्री की सीख का असर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में जीरो टॉलरेंस की बात लगातार कर रहे हैं। अधिकारियों-कर्मचारियों को भी लगातार कहा जा रहा है कि वे ईमानदारी से कार्य करें, लेकिन मुख्यमंत्री की सीख अधिकारी-कर्मचारियों पर असर नहीं कर रही है। यही कारण है कि लगातार रिश्वत के मामले सामने आ रहे हैं एवं अधिकारी-कर्मचारी जांच एजेंसियों के निशाने बन रहे हैं। पिछले दिनों भी इंदौर में नापतौल नियंत्रक पर कार्रवाई हुई है। उनके पास से भी बड़ी संख्या में नकद एवं प्रापर्टी के कागजात मिले हैं।

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