मध्य भारत में कांग्रेस ने फिर की मुस्लिम उपेक्षा, भाजपा बना चुकी दो राज्यसभा सांसद : राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक दिया मौका


✍️ राजनीतिक संवाददाता 

भोपाल। खुद को सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर मोड़ती कांग्रेस अपने बड़े वोटबैंक से विमुख होती जा रही है। करीब 26 सालों की अवधि में कांग्रेस ने लगातार मुस्लिमों का सियासी प्रतिनिधित्व कम करते हुए खत्म की कगार पर पहुंचा दिया है। इसके विपरीत कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी कही जाने वाली भाजपा लगातार मुस्लिमों को आकर्षित भी कर रही है और उनको अलग अलग प्लेटफार्म पर उपकृत भी कर रही है।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 1999 तक मध्य भारत क्षेत्र में मुस्लिमों के पास करीब 29 विधासभा की बागडोर हुआ करती थी। अलग अलग कालखंड में संसद में भी इन्हें प्रतिनिधित्व दिया गया है। मुस्लिम हितैषी कही जाने वाली कांग्रेस ने धीरे धीरे अपना दायरा संकुचित करना शुरू किया और अब प्रदेश में महज दो विधानसभा तक ये पहुंच रह गई है। आरिफ अकील और आरिफ मसूद की विधानसभा पहुंच में भी पार्टी का उपकार कम और इन दोनों नेताओं की व्यक्तिगत पकड़ ज्यादा कही जाना चाहिए। 

चूके या चौंकाया

प्रदेश से एक राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस किसी मुस्लिम व्यक्ति को मौका देकर अपने ऊपर लगे मुस्लिमों से छिटकने के आरोप को खारिज कर सकती थी। पार्टी के पास इसके लिए कई कद्दावर मुस्लिम नाम भी मौजूद थे। लेकिन कांग्रेस ने पुराने नाम सीनियर एडवोकेट विवेक तनखा के नाम को आगे बढ़ाकर साबित कर दिया कि उसके पास मुस्लिमों को प्रतिनिधित्व देने वाली कोई मंशा नहीं है।

भाजपा दे रही लगातार मौका

जिस भाजपा को मुस्लिमों का विरोधी साबित किया जाता रहा है, वह देश के सर्वोच्च पद पर मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को सुशोभित कर चुकी है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनने के अलावा भाजपा नजमा हेपतुल्लाह और मोहम्मद आरिफ खान को अलग अलग राज्यों में राज्यपाल बना चुकी है। इसके अलावा भाजपा ने मप्र से दो मुस्लिमों को राज्यसभा की सदस्यता भी दी है। इनमें नजमा हेपतुल्लाह और एमजे अकबर के नाम शामिल हैं।

एक नाम बढ़ाकर किया किनारा

मौजूद राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उप्र से ताल्लुक रखने वाले इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र के रास्ते राज्यसभा भेजने की तैयारी की है। उप्र में मुस्लिम नेतृत्व को आगे बढ़ाकर अगले चुनावों में अपनी पैठ बनाने के लिए कांग्रेस का ये दांव मप्र में भी खेला जा सकता था, लेकिन पार्टी ने ये मौका छोड़ दिया।

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