INDORE : सलीक़े से सजी नौ रागों की संगीत महफ़िल


  • 'ख़ालिस संगीत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के मकसद से  वजूद में आई संस्था परिवर्तन'

✍️ ताहिर कमाल सिद्दीकी

इंदौर(मध्य प्रदेश)। जालसभा गृह पर संस्था परिवर्तन की मेज़बानी में नौ रागों पर आधारित शास्त्रीय संगीत की महफ़िल राग नवरंग बहुत सलीके से सजाई गई। ख़ास बात यह रही कि इसमें मंच पर रिवायती अंदाज़ का वह सारा साज़ो-सामान मौजूद था। जिससे संगीत निखरता है। बेहतरीन गानों की फेहरिस्त, बढ़िया ड्रेसअप पहने उम्दा गलुकार, बाकमाल साज़िंदे और संजीदगी भरा संचालन, इसके साथ श्रोताओं द्वारा क़लमकरो की हौसला अफजाई ने महफ़िल को कामयाब बना दिया। जिस तैयारी से गाने सुनाए गए वह बता रहा था कि रियाज़ के नतीजे ऐसे बेहतरीन होते हैं। संगतकारों की आवाज़ की रेंज के मुताबिक उंगलियां चल रही थी। 


संस्था के अध्यक्ष मनीष काबरा ने बताया कि शहर में सांस्कृतिक संगीत महफ़िल सजाने और ख़ालिस संगीत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के मकसद से संस्था परिवर्तन वजूद में आई है और इसी जज़्बे से यह महफ़िल संगीत से रोशन की गई। नवरंगी राग महफ़िल में राजेंद्र गलगले, मनीष काबरा, संदीप कनोजिया, अनुभा खंडिलकर और दीपिका तिवारी की आवाज़ों ने ख़ूब समां बंधा। महफ़िल का आगाज़ राग पीलू पर आधारित गीत 'नदिया किनारे हेराए आई कंगना' से अनुभा खंडिलकर के खूबसूरत अंदाज़ से की। जिसे बाद में राग दरबारी से चुने गीत 'में निगाहे तेरे चेहरे से' गाकर राजेंद्र गलगळे ने और सुरीला बना दिया। राग यमन पर बना गीत 'जरा सी आहट होती है' पर दीपिका तिवारी की पेशकश ने महफ़िल को ऊँचाइयाँ दी। 


रफी साहब के गाये दो रागदारी वाले गीतों राग मालकौंस पर बना 'जाने बाहर हुस्न तेरा बेमिसाल है', से संदीप कनोजिया ने शानदार आमद दी। संदीप के राग पहाड़ी पर बने गीत 'आज की रात मेरे दिल की सलामी लेले' को मनीष काबरा ने अपने सुरीले अंदाज में बखूबी निभाया। इस दौरान मनीष काबरा ने गुफ्तगू करते हुए बताया कि स्वरों की वह सुन्दर रचना जो कानों को अच्छी लगे उसे राग कहते हैं। 


कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के संरक्षक प्रकाश जैन, मनोहर करमबेलकर, शिवनारायण भूतड़ा, प्रसन्ना चांडक, सुरेश पिंगले, संदीप जैन और अवधेश दवे ने दीप प्रज्वलित करके किया। राग आधारित सभी युगल एवम एकल गीतों पर संगीत क़द्रदानों ने ख़ूब दाद दी। कार्यक्रम का संयोजन विजय ओसवाल और संजय जैन ने किया । इस संगीत महफ़िल की सबसे ख़ास बात रागदारी आधारित गीतों का चयन और अभिजीत गौड़ का कुशल संगीत संयोजन भी था। कार्यक्रम के संचालन की ज़िम्मेदारी विक्रम श्रीमाल खूबसूरत अल्फ़ाज़ के साथ निभाई। बड़ी तादाद में संगीत के क़द्रदानों ने शिरकत की।

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